अबूझमाड़ के घने जंगलों में सुरक्षाबलों की ऐतिहासिक जीत, 49 लाख के तीन इनामी नक्सली ढेर

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ के घने जंगलों में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। सुरक्षा बलों ने तीन इनामी नक्सलियों को मार गिराया है। इन तीनों के सिर पर कुल 49 लाख रुपये का इनाम रखा गया था।

ऑपरेशन में जब्त हथियार।

अबूझमाड़, यह नाम सुनते ही घने जंगलों, कठिन पहाड़ियों और वहां छिपे खतरनाक नक्सलियों का ख्याल आता है। जहां आम इंसान का पहुंचना मुश्किल होता है, वहां सुरक्षाबलों ने एक बड़ा कारनामा कर दिखाया है। छत्तीसगढ़ का यह दुर्गम इलाका वर्षों से नक्सलियों का अड्डा बना हुआ था, पर अब हालात बदलने लगे हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में चलाए गए "माड़ बचाओ" अभियान ने इस इलाके में शांति की एक नई उम्मीद जगाई है। सुरक्षा बलों ने सात दिनों तक चले एक लंबे और चुनौतीपूर्ण अभियान में न केवल नक्सलियों को करारा जवाब दिया, बल्कि उनके सबसे बड़े नेताओं में से तीन को भी खत्म कर दिया।

घने जंगलों में नक्सली के खिलाफ ऑपरेशन

यह मुठभेड़ 23 सितंबर को अबूझमाड़ के परादी के जंगलों में शुरू हुई, जब सुरक्षाबलों ने खुफिया जानकारी के आधार पर नक्सलियों के एक बड़े समूह को घेर लिया। सुरक्षा बलों ने तत्काल मोर्चा संभालते हुए नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने को कहा, परंतु नक्सलियों ने जवाब में गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद, सुरक्षाबलों ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया और रुक-रुक कर चली मुठभेड़ में तीन कुख्यात नक्सली मारे गए। इनमें सबसे प्रमुख डीकेएसजेडसी के रूपेश थे, जिन पर ₹25 लाख का इनाम था। उनके साथ डीव्हीसीएम जगदीश और महिला नक्सली सरिता उर्फ बसंती भी मारे गए, जिन पर क्रमशः ₹16 लाख और ₹8 लाख का इनाम था।

सात दिन का संघर्ष और नक्सलियों का पतन

अबूझमाड़ में 124 घंटों तक चले इस सर्च ऑपरेशन में डीआरजी, एसटीएफ और बीएसएफ की टीमें शामिल थीं। यह अभियान नारायणपुर, कोण्डागांव और दंतेवाड़ा जिलों में एक साथ संचालित हुआ। मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए, जिनमें एके-47, इंसास, एसएलआर, और बीजीएल लॉन्चर जैसे अत्याधुनिक हथियार शामिल थे।

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