प्यार के खातिर सोमड़ु और जोगी ने छोड़ा था नक्सलवाद का रास्ता, बीजापुर ब्लास्ट में अमर हुई प्रेम कहानी

Chhattisgarh blast: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सोमवार को हुए आईईडी ब्लास्ट में 8 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए जिनमें से 5 सुरक्षाकर्मियों ने नक्सलवाद का रास्ता छोड़कर एक नई राह चुनी और पुलिस बल में शामिल हो गए। इन्हीं सुरक्षाकर्मियों में शामिल था सोमड़ु वेट्टी, जिसका प्रेम अमर हो गया है।

Somdu Vetti

शहीद DRG जवान की प्रेम कहानी

Chhattisgarh blast: सोमवार की उस दोपहर, जब सोमड़ु अपने साथियों के साथ ऑपरेशन से लौट रहा था, एक भीषण विस्फोट ने सब कुछ खत्म कर दिया। बस्तर के जंगलों में प्रेम अक्सर गूंजता नहीं, दबा रह जाता है। बंदूकों की गूंज, साजिशों की सरगर्मी और खूनी इरादों के बीच अगर कहीं जीवन के बीज फूटते हैं तो वह किसी चमत्कार से कम नहीं। ऐसी ही एक कहानी है सोमड़ु और जोगी की।

सोमड़ु और जोगी, दोनों माओवादी संगठन के कैडर थे। जंगलों के भीतर, जहां हर कदम मौत के साए में डूबा था, दोनों की मुलाकात हुई। जोगी की हंसी और सोमड़ु की संजीदगी के बीच अनकहा रिश्ता बन गया। बंदूकों के बीच किसी ने धीरे से कह दिया- ''संगठन से ऊपर कुछ नहीं है।'', लेकिन सोमड़ु और जोगी का दिल यह मानने को तैयार नहीं था।

सात जन्मों की खाई कसमें

विपरीत परिस्थितियों में, एक दिन सोमड़ु और जोगी ने विवाह कर लिया और सात जन्मों तक एक दूसरे का साथ निभाने का का वचन एक-दूसरे को दिया, लेकिन उनकी खुशियां ज्यादा दिन टिक नहीं पाईं। नक्सलियों के संगठन को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। ''व्यक्तिगत जीवन संगठन की विचारधारा के खिलाफ है'', यही फरमान सुनाया गया। उन्हें अलग करने की हर मुमकिन कोशिश की गई।

प्रेम में असीम ताकत होती है। सोमड़ु और जोगी ने अपने प्यार के खातिर एक बड़ा कदम उठाते हुए आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने बंदूकें छोड़ दीं और नए जीवन की तलाश में मुख्यधारा से जुड़ गए। बाद में सोमड़ु पुलिस में आरक्षक बन गया और जोगी ने एक साधारण गृहिणी का जीवन चुना। दोनों ने नक्सलवाद के अंधेरे से निकलकर एक नई रोशनी देखी।

यह भी पढ़ें: शहीद जवान के मासूम बेटे ने पिता को दी अंतिम विदाई, देखने वालों की आंखे भर आईं

IED ब्लास्ट ने छीनी जिंदगी

लेकिन नक्सलियों को दोनों का साथ रहना कहां मंजूर था? सोमवार की उस दोपहर, जब सोमड़ु अपने साथियों के साथ ऑपरेशन से लौट रहा था, एक भीषण विस्फोट ने सब कुछ खत्म कर दिया। आईईडी विस्फोट की आवाज जंगलों में गूंज गई। सोमड़ु का शरीर सड़क पर बिखरा हुआ था। उसका सपना, उसका प्यार, सब कुछ वहीं खत्म हो गया।

जब यह खबर जोगी तक पहुंची तो वह स्तब्ध रह गई। उसके आंखों से आंसू नहीं बह रहे थे। वह शून्य में देख रही थी, जैसे उसके भीतर की सारी दुनिया उजड़ चुकी हो, लेकिन जोगी जानती थी कि सोमड़ु की शहादत केवल एक मौत नहीं थी, यह नक्सलवाद के खिलाफ उसके संघर्ष का अंतिम अध्याय था।

अमर हो गई सोमड़ु की कहानी

सोमड़ु चला गया, लेकिन उसकी कहानी अमर है। वह न केवल जोगी के दिल में जिंदा है, बल्कि हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है, जो हिंसा और घृणा के बीच प्रेम और शांति का सपना देखता है। सोमड़ु की शहादत ने यह साबित किया कि प्रेम केवल जीने का नाम नहीं है, बल्कि सही मायनों में प्रेम वह है, जो बलिदान में भी जीता है।

जोगी आज अकेली है, लेकिन उसकी आंखों में गर्व झलकता है। सोमड़ु ने जो रास्ता चुना, वह आसान नहीं था, लेकिन उसने दिखा दिया कि बस्तर की माटी में खून से ज्यादा गहरा प्रेम भी बहता है और जब कभी बस्तर के जंगलों में कोई चुपचाप प्रेम की बात करेगा, सोमड़ु और जोगी की कहानी वहां गूंजेगी। एक ऐसा प्रेम, जो अधूरा रहकर भी पूरा था।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। रायपुर (Cities News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

अनुराग गुप्ता author

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। खबरों की पड़ताल करना इनकी आदतों में शुमार हैं और यह टाइम्स नाउ नवभारत की वेबसाइट क...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited