दिल्ली में बस्तर के नक्सल पीड़ितों ने सुनाई आपबीती, केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार पर जताया भरोसा

Chhattisgarh Naxal Victims: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र से आए पीड़ितों ने राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को आपबीती सुनाई। इन पीड़ितों ने न सिर्फ नक्सली हिंसा का सामना किया है, बल्कि उन्हें गांवों में विकास की कमी और आधारभूत सुविधाओं की अनुपलब्धता से भी लंबे समय तक जूझना पड़ा है।

नक्सली हमलों के पीड़ितों ने सुनाई आपबीती

Chhattisgarh Naxal Victims: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र से आए पीड़ितों ने आज देश की राजधानी दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में अपनी व्यथा और चुनौतियों को साझा किया। नक्सली आतंक से बुरी तरह प्रभावित इन ग्रामीणों ने अपने दर्दनाक अनुभवों के माध्यम से सरकार से अधिक मदद और समर्थन की मांग की। बस्तर के इन नागरिकों ने न केवल नक्सली हिंसा का सामना किया है, बल्कि उन्होंने अपने गांवों में विकास की कमी और आधारभूत सुविधाओं की अनुपलब्धता से भी लंबे समय तक जूझा है।

पीड़ितों ने छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि बस्तर के विकास के लिए कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। हाल ही में शुरू की गई 'नियद नेल्ला नार योजना' ने इस क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं के विकास को एक नई दिशा दी है। इस योजना के माध्यम से बस्तर के दूरदराज़ के इलाकों में सड़क, पानी, बिजली, और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने का काम हो रहा है, जिससे लोगों का जीवन स्तर बेहतर हो रहा है।

माओवादी बम विस्फोट में युवक ने खोया अपना पैर

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के अवलम मारा ने 22 फरवरी, 2017 को माओवादी प्रेशर बम के विस्फोट में अपना बायां पैर गंवा दिया। अवलम जंगल में बांस काटने के लिए गया था, जब यह हादसा हुआ। जैसे ही उसने बम पर पैर रखा, तेज धमाका हुआ और उसका पैर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। इस हादसे ने उसे जीवनभर के लिए बैसाखी के सहारे जीने को मजबूर कर दिया। यह घटना माओवादियों की हिंसा का एक और दर्दनाक उदाहरण है, जिसने अवलम के जीवन को पूरी तरह से बदल कर रख दिया। अब वह कठिन आर्थिक स्थितियों का सामना कर रहा है, क्योंकि वह अपने परिवार के लिए आजीविका का मुख्य स्त्रोत था।

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