इस गांव में वोट नहीं देने पर लगता है जुर्माना, राजनीतिक पार्टियों की एंट्री भी बैन; निराले हैं यहां के नियम

देश के विकसित गांवों में से एक राजकोट का यह गांव बेहद अनोखा है। यहां पर छोटे-मोटे मामले लोक अदालय और पंचायत समिति द्वारा ही निपटा लिए जाते हैं। इसके अलावा यहां पर बुजुर्गों की सेवा न करने और युवाओं के खाली बैठने पर जुर्माना लगाया जाता है।

राजकोट का राज समधियाला गांव

Raj Samadhiyala Village: क्या आपने कभी सोचा है कि देश में एक ऐसी भी जगह है जहां पर राजनीतिक दल चुनावी कैंपेन नहीं कर सकते हैं। चुनावी वादों का शोर यहां पर सुनाई नहीं देता। इतना ही नहीं यहां के युवा भी खाली नहीं बैठ सकते हैं और अगर वह कोई कामकाज नहीं करते हैं तो उन पर जुर्माना लगाया जाता है। अब आप सोच रहे होंगे भला यह कैसा गांव है, जहां पर ऐसा होता है।

दरअसल, विविधता से भरे हुए देश में कई रोचक जगहें हैं और गुजरात का यह गांव उन्हीं कुछ जगहों में से एक है। आलम ऐसा है कि यहां पर कोई किसी को भी अपशब्द तक नहीं कहता और न ही किसी प्रकार का हो हल्ला होता है। हवा और पानी बेहद साफ है, क्योंकि यहां पर वायु और जल को प्रदूषित करना अपराध है। तो चलिए विस्तार से समझते हैं गुजरात के राजकोट (Rajkot) से तकरीबन 22 किमी दूर स्थित इस निराले गांव को। जिसका नाम राज समधियाला (Raj Samadhiyala) है।

100 फीसद मतदान का इतिहास!

राज समधियाला गांव में 100 फीसद मतदान का इतिहास है। देश में एक ओर लोकसभा चुनाव के चलते राजनीतिक दलों का चुनावी शोर जोर-शोर से सुनाई दे रहा है। वहीं दूसरी ओर इस गांव में किसी भी राजनीतिक दल को प्रवेश नहीं मिलता है और यह नियम कोई नए नहीं, बल्कि तकरीबन 1983 से लागू हैं। जिसकी वजह से कोई भी दल यहां पर प्रचार करने नहीं आते हैं। इसके बावजूद इस गांव के लोग लोकतंत्र के इस पर्व की अहमियत को बखूबी समझते हैं और हर एक व्यक्ति अपने वोट डालने के अधिकार का इस्तेमाल करता है। जिसका मतलब 100 फीसद मतदान से है। हालांकि, अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर मतदान करने नहीं जाता है तो उस पर पंचायत समिति की ओर से जुर्माना लगाया जाता है।

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