बिहार की राजनीति में 'रामचरित मानस', जेडीयू की टिप्पणी आरजेडी को नहीं आई रास

क्या बिहार में जेडीयू और आरजेडी के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। दरअसल रामचरित मानस पर शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर पर विवाद बढ़ा तो पार्टी को उम्मीद थी कि जेडीयू की तरफ से नरम रुख देखने को मिलेगा। लेकिन जेडीयू ने साफ किया कि वो किसी धर्म पर टिप्पणी करने के खिलाफ है।

बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर सुर्खियों में हैं। रामचरित मानस का जिक्र करते हुए जब उन्होंने कहा कि समाज में भेदभाव आधुनिक भारत की पहचान नहीं है। यह तो सदियों से चलता आ रहा है। रामचरित मानस खुद निम्न जाति के लोगों को शिक्षा देने से मना करता है तो हंगामा मचा। बीजेपी के नेताओं ने कहा कि यह तो सीधे सीधे हिंदू धर्म का अपमान है इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। जाहिर है कि निशाना नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार पर साधा गया। मामले में ट्विस्ट तब आया जह जेडीयू ने कहा कि उनकी पार्टी किसी धर्म के खिलाफ बोलने की समर्थक नहीं है। चंद्रशेखर ने जो कहा उससे जेडीयू का क्या लेना देना। क्या अब कोई दल दूसरे दल के नेताओं को सिखाएगा कि क्या बोलना है।

शिक्षा मंत्री के बयान पर राजनीतिक हलचल

इस बयान के बाद आरजेडी ने एक तरह से बयान से किनारा किया। लेकिन इसी बीच प्रोफेसर चंद्रशेखर का एक और ट्वीट 16 जनवरी को आया जिसमें उन्होंने कहा कि शिक्षित बिहार, तेजस्वी बिहार। इस ट्वीट को कई संदर्भ में देखा गया। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार ने जब कहा कि 2025 का विधानसभा चुनाव तेजस्वी की अगुवाई में लड़ा जाएगा तो इसके खिलाफ विरोध के सुर दोनों खेमे से उठे। जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अभी तो आगे 2024 का चुनाव है बात 2025 की क्यों हो रही है। इसके साथ ही आरजेडी खेमे से भी आवाज उठी कि आखिर 2025 की बात क्यों। तेजस्वी यादव में सीएम बनेन की हर वो खासियत है।

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