Best Places to Visit in Jharkhand 2023: झारखंड के उधवा अभयारण्य में आते हैं ऐसे विदेशी पक्षी, जिन्हें आपने पहले कभी नहीं देखा होगा

Best Places to Visit in Jharkhand 2023: झारखंड सभ्यता-संस्कृति, धर्म के अलावा जैव विविधता से संपन्न है। यहां पर कई ऐसी जगह हैं, जहां आप रोमांचक सैर कर सकते हैं। ऐसी जगह है उधवा अभयारण्य, जहां आपको विदेशी पक्षियों को करीब से देखने एवं उनके कौतूहल का आनंद लेने का मौका मिलेगा। ठंड बढ़ते ही यहां विदेशी पक्षियों का झुंड पहुंच चुका है।

udhwa bird santury

रांची का उधवा अभयारण्य

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • पूर्वी भारत का इकलौता पक्षी अभयारण्य है उधवा
  • 1991 में अभयारण्य का किया गया था गठन
  • इस सीजन में 2800 पक्षी आए हैं, कोरोना के पहले 1700 थी संख्या
Best Places to Visit in Jharkhand 2023: दुमका-साहेबगंज मार्ग पर पूर्वी भारत का इकलौता पक्षी अभयारण्य है। इसे उधवा जलपक्षी अभयारण्य कहा जाता है। यह रांची से 400 किलोमीटर दूर है। बता दें आप रांची से सरकारी बस या निजी वाहन से यह अभयारण्य पहुंच सकते हैं। इसे 1991 में बनाया गया था। कोरोना काल से पहले यहां पक्षियों की संख्या 1700 थी। इस ठंड के मौसम में यहां 2800 पक्षी हैं। इनकी संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। 2 फरवरी को पक्षियों की संख्या दर्ज हो जाएगी। इस सीजन में 146 स्पीशीज हैं।
वन विभाग के अधिकारी के मुताबिक कोरोना संक्रमण की वजह से इन पक्षियों को कोई डिस्टर्ब करने नहीं आया था। इस वजह से यहां इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ज्यादातर प्रवासी पक्षी हैं। यहां लोग नवंबर से मार्च तक के बीच में आते हैं।

पहाड़ एवं गंगा का आता है पानी

इस जगह पहाड़ के अलावा गंगा नदी का भी पानी आता है। इन दोनों पानी का मिलन होना मछलियों के लिए बेहतर होता है। अब यहां मछलियां अधिक आती हैं तो पक्षियों को उनका आहार मिल जाता है। सैलानियों के ठहरने के लिए यहां 8 गेस्ट हाउस हैं। बोटिंग की सुविधा है। पैडल बोट भी हैं। देश-विदेश के अलग-अलग प्रजाति के पक्षियों को देखने के लिए कई बेहतरीन दूरबीन हैं। सैर के लिए साइकिल भी मुहैया कराई जाती है।

तीन तरह के दिखते हैं प्रवासी पक्षी

इस अभयारण्य में तीन तरह के प्रवासी पक्षी दिखते हैं। साइबेरिया या विदेशों से आने वाले पक्षी। इनमें रेड क्रेस्टेड पोचार्ड या लालसर 200 हैं। यह संख्या बढ़कर 700 तक जा सकती है। देश के ही प्रवासी पक्षी हिमालय या उत्तर-पूर्व या पश्चिमी भारत से उड़कर यहां पहुंचते हैं। स्थानीय प्रवासी पक्षियों में झारखंड के आसपास के क्षेत्र के पक्षी होते हैं। देसी-विदेशी प्रवासी पक्षियों में स्पूनबिल, एकटेट, किंगफिशर, गोल्डन, औरिया, बेकटेल, ग्रेट आउल, स्ट्रोक, लालसर आदि हैं। झील की सतह पर पनकौवा, डेबचिक, बानकर पक्षी रहते हैं। झील के किनारे में टिटहरी, बटान, खंजन, बगुला, आंजन, लकलक होते हैं। जबकि आश्रयणी इलाके में कबूतर, बगेरी, गौरेया, बुलबुल, पहाड़ी मैना, दरियायी मैना, नीलकंड, तोता होते हैं।
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