Ranchi: कोयला कंपनी के रिटायर अफसर से 2.27 करोड़ की ठगी, जालसाजों ने 11 दिनों तक रखा डिजिटल अरेस्ट

Cyber ​​Crime in Ranchi: रांची में कोयला कंपनी के एक रिटायर अफसर से साइबर अपराधियों ने 2.27 करोड़ रुपये की ठगी की। जालसाजों ने उन्हें 11 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा और उनसे 8 अलग-अलग बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कराए। इस वारदात में पीड़ित की जिंदगीभर की जमा पूंजी चली गई। इस मामले में सीआईडी साइबर थाने में एफआईआर दर्ज करा दी गई है।

digital arrest

सांकेतिक फोटो

Cyber Crime in Ranchi: साइबर क्रिमिनल के एक गैंग ने रांची में रहने वाले कोयला कंपनी के एक रिटायर अफसर को 11 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करकर रखा। इस दौरान जालसाजों ने उनसे 2.27 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। जेल भेजने और सख्त एक्शन का खौफ दिखाकर उनसे यह रकम आठ अलग-अलग बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कराई गई। इस मामले की एफआईआर सीआईडी साइबर थाना में दर्ज कराई गई है। इसके अलावा साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दर्ज कराई गई है। सीआईडी की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आ रही है कि इस ठगी को अंजाम देने वाला गिरोह महाराष्ट्र का है। गिरोह ने जिन बैंक अकाउंट में रकम ली है, वे महाराष्ट्र के हैं।

मनी लॉन्डिंग के केस में अरेस्ट करने की धमकी

ठगी का शिकार हुए कोल इंडिया के रिटायर अफसर रांची के बरियातू इलाके में रहते हैं। उन्होंने एफआईआर में बताया है कि 10 दिसंबर, 2024 को उनके मोबाइल पर कॉल आया। कॉल करने वाले ने अपना नाम अभिराज शुक्ला बताया और अपना परिचय ट्राई (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के अफसर के रूप में दिया। उनसे कहा गया कि उनके नंबर से कई लोगों को भ्रामक विज्ञापन और मेसेज ट्रांसफर किए गए हैं। भुक्तभोगी ने जब अपने नंबर से किसी तरह का मेसेज भेजे जाने से इनकार किया, तो उन्हें बताया गया कि हो सकता है कि किसी जगह पर जमा किए गए उनके दस्तावेज के आधार पर सिम कार्ड लेकर साइबर क्रिमिनल ने इस तरह की हरकत की हो। उन्हें बताया गया कि चूंकि आपके नंबर के जरिए बड़े पैमाने पर ठगी की गई है, इसलिए उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस बन रहा है। उन्हें अरेस्ट करने की धमकी दी गई।

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जिदंगी भर की जमी पूंजी जालसाजों ने ठगी

कॉल करने वाले ने रिटायर अफसर को भरोसा दिया कि अगर वे खुद को निर्दोष मानते हैं तो गिरफ्तारी और कार्रवाई से बचाने के लिए दिल्ली साइबर ब्रांच से उनकी मदद कराई जा सकती है। इसके बाद उन्हें दिल्ली साइबर क्राइम ब्रांच की अफसर बताने वाली पूनम गुप्ता नामक महिला का कॉल आया। उन्हें मोबाइल कैमरा ऑन करने कर उसके सामने रहने को कहा गया। फिर, उनकी बात कई लोगों से कराई गई, जिसमें एक व्यक्ति को सीनियर आईपीएस बताया गया। उन्हें लगातार धमकी देकर असली अपराधियों के पकड़े जाने तक वीडियो कॉल पर रहने की हिदायत की गई। यह सिलसिला लगातार 11 दिनों तक जारी रहा। इस दौरान उनसे अलग-अलग अकाउंट में यह कहकर रकम ट्रांसफर कराई गई कि ऐसा करने से ही यह साबित होगा कि उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग नहीं की है। भयभीत भुक्तभोगी ने खुद और अपनी पत्नी के अकाउंट में जमा 2.27 करोड की राशि ट्रांसफर कर दी। इस घटना में पीड़ित की जिंदगीभर की जमा पूंजी चली गई। जब उन्हें ठगी का एहसास हुआ, तो उन्होंने ठगों के नबंर पर कॉल करने की कोशिश की। लेकिन नबंर ब्लॉक कर दिया गया था।

(इनपुट - IANS)

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Pooja Kumari author

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