पुलिसकर्मियों के पैरों से कुचलकर नवजात शिशु की मौत, विपक्ष हुआ हमलावर, सीएम सोरेन ने दिए जांच के आदेश

झारखंड के गिरिडीह में छापेमारी के दौरान कथित रूप से पुलिसकर्मियों के पैरों से कुचलकर नवजात शिशु मौत मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है। विपक्ष ने सरकार निशाना साधा। उसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जाच के आदेश दे दिए हैं।

Hemant Soren

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

तस्वीर साभार : भाषा

रांची/गिरिडीह : झारखंड के गिरिडीह में छापेमारी के दौरान कथित रूप से पुलिसकर्मियों के पैरों से कुचलकर नवजात शिशु की बुधवार को मौत हो गई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। घटना गिरिडीह में देवरी थाना क्षेत्र के कोशोदिन्घी गांव में हुई, जब पुलिसकर्मी एक गैर जमानती वारंट के मामले में दो लोगों को पकड़ने के लिए एक घर पर पहुंचे थे। इस घटना के बाद विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सीनियर अधिकारियों को निलंबित करने की मांग की है।

दोषी पुलिसकर्मियों को बख्शा नहीं जाएगागिरिडीह के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमित रेणू ने कहा कि आरोप है कि अदालत द्वारा जारी दो गैर-जमानती वारंट की तामील में जब पुलिस वहां पहुंची तो चार दिन के बच्चे की मौत हो गई। प्रथम दृष्टया बच्चे के शरीर पर बाहरी चोट के निशान नहीं मिले हैं। इसे पोस्टमॉर्टम जांच के लिए भेज दिया गया है। एसपी ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पुलिस यह कहने की स्थिति में होगी कि वास्तव में क्या हुआ था। उन्होंने कहा कि मजिस्ट्रेट की निगरानी में डॉक्टरों की एक टीम पोस्टमॉर्टम करेगी और इसकी वीडियोग्राफी होगी। रेणु ने कहा कि फिलहाल हमारे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि किसी पुलिसकर्मी ने नवजात को कुचला हो। अगर आरोप सही पाए गए तो दोषी पुलिसकर्मियों को बख्शा नहीं जाएगा। एसपी ने कहा कि चार से पांच पुलिसकर्मी मृत शिशु के दादा भूषण पांडेय एवं एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ गैर जमानती वारंट की तामील कराने गए थे।

वीडियो वायरल होने पर सीएम ने दिए जांच के आदेश

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद इस संबंध में जांच के आदेश दिए हैं। वीडियो में भूषण पांडेय नामक एक व्यक्ति को यह आरोप लगाते हुए सुना जा सकता है कि पुलिसकर्मियों ने सुबह तीन बजकर 20 मिनट पर उनके घर पर छापा मारा और दरवाजा नहीं खुलने पर उन्होंने बल प्रयोग कर दरवाजा खोल दिया। वीडियो में दिख रहे व्यक्ति ने दावा किया कि मैं वहां से भाग गया और महिलाएं भी बाहर निकल आईं। पुलिसकर्मी जब वहां तलाशी ले रहे थे तब घर के अंदर चार दिन का बच्चा सो रहा था। बच्चे को उन्होंने कुचलकर मार दिया।

बीजेपी ने करार दिया जघन्य अपराध

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कथित अपराध को जघन्य करार दिया और तत्काल कार्रवाई नहीं करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित करने के अलावा मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, कुछ तो शर्म कीजिए। रांची से वरिष्ठ अधिकारियों की टीम भेजिए। सबसे पहले प्राथमिकी दर्ज करवाइए और नवजात को मारने वाले पुलिसकर्मियों को जेल भेजिए। नहीं तो आप भी चार दिन के बच्चे की ‘सरकारी हत्या’ के पाप से बच नहीं पाएंगे।

भाकपा-माले ने कहा- गहन जांच हो

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (भाकपा-माले) के विधायक विनोद कुमार सिंह ने झारखंड विधानसभा में मामला उठाते हुए इस घटना के संबंध में गहन जांच की मांग की और घटना सच पाए जाने पर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है फिर होगी कार्रवाई

गिरिडीह से सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि हम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। अगर यह पुष्टि हो जाती है कि पुलिस के पैरों के नीचे आकर शिशु की मौत हुई है, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि अगर घटना सही पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी। हालांकि अब तक किसी भी पुलिस अधिकारी ने आरोपी के खिलाफ मामले की सटीक जानकारी नहीं दी है जिसके कारण यह छापा मारा गया था।

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