Hatia Rail Hospital: हटिया रेल अस्पताल में बढ़ेंगी सुविधाएं, महिला-पुरुष के लिए बनेगा अलग-अलग वार्ड और आईसीयू

Hatia Rail Hospital Expansion: रांची रेल मंडल अस्पताल में सुविधाओं का विस्तार होगा। फिलहाल हटिया स्थित मंडल रेल अस्पताल की बिल्डिंग पर एक फ्लोर बनाया जाएगा। इसके निर्माण की मंजूरी मुख्यालय से मिल गई है। नए फ्लोर के बनने के बाद बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके अतिरिक्त कई सेवाओं में विस्तार किया जाना है। इससे मरीजों को यहां इलाज कराने में कोई परेशानी नहीं होगी।

hatia rail hospital

हटिया रेल अस्पताल, जिसका होना है विस्तार

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • अस्पताल विस्तार के लिए दक्षिण-पूर्व रेल मुख्यालय ने प्रस्ताव को दी मंजूरी
  • अस्पताल के ऊपर बनाया जाएगा एक फ्लोर
  • अस्पताल में बेड की संख्या 40 से बढ़ाकर की जाएगी 60

Ranchi News: हटिया स्थित मंडल रेल अस्पताल का विस्तार किया जाएगा। दक्षिण-पूर्व रेल मुख्यालय ने अस्पताल के विस्तारीकरण के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। डीआरएम का कहना है कि अभी रेल अस्पताल के ऊपर एक फ्लोर बनाया जाना है। पहले फ्लोर के निर्माण एवं अन्य सुविधाओं के लिए 4.5 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस फ्लोर पर महिला-पुरुष के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए जाएंगे। आईसीयू केबिन, आइसोलेशन वार्ड, ओटी, स्टोर एवं अल्ट्रासाउंड मशीन का रूम बनाया जाएगा।

अभी इस अस्पताल में 40 बेड हैं। नए फ्लोर बनने के बाद 60 बेड की क्षमता हो जाएगी। बता दें मंडल में 7000 से अधिक रेल कर्मचारी हैं। इनके परिजनों की औसत संख्या 5 के अनुसार कुल 35 हजार लोगों के इलाज का भार इस अस्पताल पर है। इसके अतिरिक्त सेवानिवृत्त कर्मी एवं उनके परिजन भी हैं। इन्हें जोड़कर कुल संख्या 40 हजार हो जाती है।

हर दिन अस्पताल आते हैं 200-250 लोगइस रेल अस्पताल में हर दिन 200 से 250 लोग इलाज करने आते हैं। मंडल रेल अस्पताल में सुविधाएं कम होने की वजह से गंभीर मरीज रेफर कर दिए जाते हैं। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक फिलहाल महीने 40 से 50 मरीजों को दूसरे अस्पताल में रेफर किया जाता है। बता दें रेल अस्पताल में डॉक्टरों की भी काफी है। अभी सीएमएस के अतिरिक्त स्थाई पांच डॉक्टर एवं कॉन्ट्रैक्ट पर तीन डॉक्टर हैं। इन डॉक्टरों को अस्पताल के साथ ही स्टेशन एवं लाइन ड्यूटी में तैनात रहना पड़ता है। अगर, एक या दो डॉक्टर छुट्टी पर जाते हैं तो मरीजों का इलाज प्रभावित होने लगता है। अस्पताल में हेल्थ अटेंडेंट भी नहीं है। अस्पताल में सिर्फ एक एंबुलेंस है।

कोरोना काल में इलाज के लिए हुई थी काफी परेशानीअस्पताल में कम बेड होने एवं अन्य सुविधाओं के अभाव के कारण रेल कर्मियों एवं उनके परिजनों को कोरोना काल में काफी परेशानी उठानी पड़ी थी। कोरोना मरीजों के लिए सिर्फ 20 बेड रिजर्व थे। सुविधा नहीं होने के कारण मरीजों को रेफर कर दिया जाता था। अस्पताल में दो वेंटीलेंटर हैं। इसके संचालन के लिए रेलवे ने कुछ समय पहले टेक्नीशियन की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। हालांकि टेक्नीशियन की बहाली नहीं की जा सकी। अस्पताल में नर्स,वार्ड बॉय और अटेंडेंट की भी कमी है।

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