Famous Temple in Ranchi: रांची के इस काली मंदिर में मुख्यमंत्री तक आते हैं पूजा करने, मान्यता ऐसी कि कोई नहीं जाता खाली हाथ

Famous Temple in Ranchi: राजधानी में सभी धर्मों के प्रसिद्ध स्थल हैं। हिंदू धर्म के प्रसिद्ध एवं मान्यता वाले मंदिर हैं। वहीं, सूबे का सबसे पुराना चर्चा भी है। यहां नए साल पर हर साल हजारों लोग ईश्वर की आराधना करने के लिए पहुंचते हैं। भगवान की स्तुति करने के बाद श्रद्धालु अपने नववर्ष की शुरुआत करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इन पौराणिक मंदिरों में पूजा करने के बाद लोगों का नया साल मंगलमय हो जाता है।

रातू रोड स्थित दुर्गा मंदिर में नववर्ष पर पूजा करने के लिए उमड़ेंगे श्रद्धालु

मुख्य बातें
  • गोस्सनर इवेंजलिकल चर्च में सुबह और शाम के प्रेयर में शामिल होते हैं लोग
  • शहर के मेन रोड स्थित काली मंदिर से गहरी है लोगों की आस्था
  • रातू रोड स्थित साईं मंदिर में नववर्ष पर सुबह से लगती है भीड़

Temples to Visit in Ranchi: रांची में नए साल के स्वागत की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। सभी होटल, रेस्टोरेंट, कैफे, क्लब आदि में 31 दिसंबर की रात से लेकर पहली जनवरी की रात तक के जश्न की तैयारियां चल रही हैं। ज्यादातर होटल और रेस्टोरेंट बुक हो चुके हैं। वहीं मंदिर, चर्चा एवं अन्य धार्मिक स्थलों की व्यवस्था बेहतर की जा रही है। सूबे के सबसे प्राचीन चर्च गोस्सनर इवेंजलिकल चर्च में हर साल हजारों लोग सुबह और शाम प्रेयर में शामिल होते हैं। प्रभु यीशु से प्रेयर करते हैं। इसी तरह जीइएल चर्च, संत मारिया रोमन कैथोलिक चर्च में श्रद्धालु आते हैं। शहर में यह रोमन कैथोलिक चर्च कामिल बुल्के पथ पर है।

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शहर के मेन रोड पर काली मंदिर है। यहां देवी मां के प्रमुख मंदिरों में से एक है। यहां मुख्यमंत्री तक पूजा-अर्चना करने आते हैं। मंदिर में पिछले सौ साल से माता के लिए अखंड ज्योति जल रही है। रातू रोड में दुर्गा मंदिर है। इससे भी लोगों की गहरी आस्था जुड़ी है। मंदिर में पहली जनवरी को अल सुबह से ही श्रद्धालुओं की लाइन लग जाती है। इसी जगह साईं मंदिर है। यहां भी काफी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

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1350 मीटर ऊंचे पहाड़ पर विराजमान हैं भगवान महावीरगिरिडीह जिले में पहाड़ पर पारसनाथ मंदिर है। यह 1350 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां देशभर से जैन धर्म के अनुयायी काफी संख्या में पहुंचते हैं। यह मंदिर भगवान महावीर का है। जैन धर्म के प्रमुख मंदिरों में से एक है। इसे सम्मेद शिखर भी कहा जाता है। इसी जिले में बगोदर में भगवान शिव का मंदिर है। इसमें स्थापित शिवलिंग की ऊंचाई 65 फीट है।

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