Human Milk Bank: रांची समेत चार जिलों में होगी मानव दूध बैंक की स्थापना, हर एक पर 40 लाख होंगे खर्च
Human Milk Bank: झारखंड के लोगों के लिए अच्छी खबर है। राज्य के चार जिलों में मानव दूध बैंक की स्थापना होगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और राज्य योजना के अंतर्गत यह बैंक स्थापित किए जाएंगे। नवजात शिशुओं में रुग्णता और मृत्यु दर कम करने के लिए स्तनपान सबसे जरूरी और प्रभावी रणनीति है, इसलिए मानव दूध बैंक खोले जा रहे हैं।
झारखंड मे खुलेंगे मानव दूध बैंक
मुख्य बातें
- झारखंड के चार जनपदों में खुलेंगे मानव दूध बैंक
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और राज्य योजना के तहत स्थापित किए जाएंगे बैंक
- हर एक ईकाई पर खर्च होंगे 40 लाख रुपये
Human Milk Bank: झारखंड के चार जनपदों में मानव दूध बैंक की स्थापना की जाएगी। हर एक इकाई के संचालन में 40 लाख रुपये का खर्च होगा। इसके लिए सरकार ने एक करोड़ 60 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान भी कर दी है। रांची, हजारीबाग, बोकारो और दुमका जिले में चार मानव दूध बैंक बनेंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और राज्य योजना के अंतर्गत यह बैंक स्थापित किए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरूण कुमार सिंह के अनुसार, इसकी स्थापना में 40 लाख में से केंद्र सरकार ने प्रति केंद्र 14.40 लाख रुपये की स्वीकृति दी है, जबकि शेष 25.60 लाख रुपये योजना मद से राज्य सरकार खर्च करेगी।संबंधित खबरें
आपको बता दें कि नवजात शिशुओं में रुग्णता और मृत्यु दर कम करने के लिए स्तनपान सबसे जरूरी और प्रभावी रणनीति है, इसलिए मानव दूध बैंक खोले जा रहे हैं। नवजातों के लिए मां का दूध अमृत के समान होता है।संबंधित खबरें
नवजात के लिए वरदान होगा दूधदूध बैंक की स्थापना से ऐसे नवजात, जिनकी माताएं उन्हें किसी शारीरिक अक्षमता अथवा किसी घातक मेडिकेशन की वजह से स्तनपान नहीं करवा पातीं या फिर प्रसव के बाद जिन मां को दूध बिल्कुल नहीं या बेहद कम आता हो, उनके लिए यह बैंक वरदान साबित होगा। बैंक से दुग्ध लेने पर बच्चों के विकास पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। बता दें कि यह ऐसा बैंक होगा जहां नवजात शिशुओं के लिए मां का दूध स्टोर करके रखा जाएगा। जिससे नवजात शिशु को समय पर दूध उपलब्ध हो सके। दूध बैंक में महिलाएं अपनी इच्छा से दूध दान कर सकेंगी। देश के कई राज्यों में इस तरह के दूध बैंक हैं, जिनसे नवजात बच्चों को दूध उपलब्ध कराया जाता है।
संग्रह, स्क्रीनिंग, प्रसंस्करण, वितरण की रहेगी व्यवस्थाबता दें कि यह सभी माताओं के लिए व्यापक स्तनपान सहायता और प्रबंधन देने के उद्देश्य से स्वास्थ्य सुविधा केंद्र होगा, जिसमें शिशुओं के लिए दान किए गए मानव दूध के संग्रह, स्क्रीनिंग, प्रसंस्करण, भंडारण और वितरण की व्यवस्था की जाएगी। देश का पहला मानव दूध बैंक 1989 में मुंबई के हॉस्पिटल स्थापित हुआ था।
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