Ranchi: रांची के रेल यात्रियों का सफर होगा और भी आरामदायक, इस रूट की ट्रेन में एलएचबी कोच रेक में होगा बदलाव

IRCTC : रांची रेल डिवीजन के यात्रियों के लिए बेहद अच्छी खबर है। रांची डिवीजन से गुजरने वाली एक अहम ट्रेन के पुराने रेक को बदल दिया जाएगा। इस ट्रेन में अब एलएचबी कोच रेक होगा। इससे यात्रियों का सफर काफी आरामदायक हो जाएगा। यात्रियों को यह सुविधा दिसंबर के दूसरे हफ्ते की यात्रा से मिलेगी।

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स्टेशन से रवाना होती संतरागाछी एक्सप्रेस (फाइल फोटो)

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • संतरागाछी-अजमेर-संतरागाछी एक्सप्रेस ट्रेन के पारंपरिक कोच बदले जाएंगे
  • संतरागाछी एक्सप्रेस ट्रेन में लगेंगे एलएचबी कोच रेक
  • 16 दिसंबर से नए कोच रेक के साथ परिचालित की जाएगी ट्रेन

Rail News: रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी है। अगले महीने से उन्हें एक एक्सप्रेस ट्रेन में नई कोच में सफर करने का मौका मिलेगा। यह बदलाव रांची रेल मंडल से होकर गुजरने वाली एक्सप्रेस ट्रेन में किया गया है। रेलवे ने यात्री सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ट्रेन नंबर 18009/18010 संतरागाछी-अजमेर-संतरागाछी एक्सप्रेस ट्रेन (वाया मुरी) के पुराने रेक में बदलाव करने का निर्णय लिया है। रेलवे ने तय किया है कि अब यह एक्सप्रेस ट्रेन एलएचबी कोच के साथ चलाई जाएगी। इससे यात्रियों को सफर करने में काफी सहूलियत हो जाएगी। ट्रेन के पारंपरिक रेक को एलएचबी कोच रेक में बदलने का काम शुरू हो चुका है।

रेल अधिकारियों का कहना है कि 16 दिसंबर से ट्रेन नंबर 18009 संतरागाछी-अजमेर एक्सप्रेस ट्रेन (वाया मुरी) पारंपरिक कोच रेक की जगह एलएचबी कोच रेक के बदलकर संतरागाछी से परिचालित की जाएगी। जबकि 18 दिसंबर से ट्रेन नंबर 18010 अजमेर-रेक एक्सप्रेस ट्रेन (वाया मुरी) पारंपरिक रेक की जगह एलएचबी कोच रेक में परिवर्तित करके चलाई जानी है। यह ट्रेन अजमेर तक परिचालित की जाती है।

इस तरह से बदले जाने हैं पारंपरिक कोच से एलएचबी कोच मेंरेलवे अधिकारी के अनुसार जनरेटर यान के 2 कोच, सामान्य श्रेणी के 2 कोच, द्वितीय श्रेणी स्लीपर के 10 कोच, एसी 3-टियर के 6 कोच एवं एसी 2 टियर के 2 कोच लगाए जाएंगे। यानी कुल 22 कोच इन ट्रेनों में रहेंगे। एलएचबी रेक कोच पहले की तुलना में अधिक आरामदायक रहेगा। इस कोच में सीट, मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट, पंखे एवं ब्रेक प्रणाली पहले की तुलना में अधिक बेहतर रहेगा।

यात्रियों को मिलेंगी ये सुविधाएंएलएचबी कोच में ट्रेन की आवाज से अधिक परेशानी नहीं होती है। इस कोच में साउंड सिर्फ 60 डेसीबल का होता है। वहीं, आईसीएफ कोच का साउंड लेबल 100 डेसीबल रहता है। एलएचबी कोच में दो डिब्बा अलग तरह से कपलिंग की जाती है, जिससे दुर्घटना होने की स्थिति में डिब्बे एक-दूसरे के ऊपर नहीं चढ़ते। अमूमन दुर्घटना में आईसीएफ कोच के डिब्बे एक-दूसरे के ऊपर चढ़ जाते हैं। इससे जान-माल का अधिक नुकसान होता है। एलएचबी कोच में ब्रेकिंग सिस्टम भी काफी अच्छा होता है। कोच में एंटी टेलीस्कोपिक सिस्टम होने से कोच पटरी से जल्दी नहीं उतरता है। पूरा कोच स्टेनलेस स्टील और एल्यूमीनियम का बना होता है।

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