डेंगू के बाद अब चिकनगुनिया का खौफ, जमशेदपुर में बढ़ रही मरीजों की संख्या

जमशेदपुर में चिकनगुनिया के मरीजों की बढ़त देखने को मिल रही है। यह मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारी है। चिकनगुनिया को लेकर स्वास्थ्य विभाग जरूरी कदम उठा रहा है। जिले में पहले से ही डेंगू का प्रकोप फैला हुआ है।

जमशेदपुर में चिकनगुनिया का खतरा (फोटो साभार- ट्विटर)

मुख्य बातें
  • डेंगू के बाद चिकनगुनिया की बारी
  • जमशेदपुर में बढ़ रही मरीजों की संख्या
  • मच्छरों के काटने से होता है चिकनगुनिया

जमशेदपुर में डेंगू के प्रकोप के बाद अब चिकनगुनिया का खौफ बढ़ा हुआ है। चिकनगुनिया का कोई इलाज या टीका न होने के कारण इस बीमारी को लेकर लोग ज्यादा अलर्ट हैं। चिकनगुनिया मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारी है इसलिए अपने आसपास पानी का जमाव नहीं होने की सलाह दी जा रही है। जमशेदपुर में इस साल 2190 लोगों में चिकनगुनिया के लक्षण देखने को मिले हैं इनमें से 56 लोग चिकनगुनिया पॉजिटिव पाए गए हैं। पिछले सात सालों के मुकाबले इस साल चिकनगुनिया के मामले जिले में ज्यादा देखने को मिले हैं। वहीं डेंगू के मामले में यह जिला पहले नंबर पर है, राज्य में सबसे ज्यादा डेंगू के मामले यहीं से आ रहे है। चिकनगुनिया के मामले में रांची आगे है।
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सुरक्षा के जरूरी कदम

जमशेदपुर में चिकनगुनिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने कुछ जरूरी कदम उठाएं हैं। विभाग की ओर से चिकनगुनिया से प्रभावित इलाकों को चिन्हित किया जा रहा है और वहां पर मच्छरों के लार्वा को मारने के लिए एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है। लोगों को भी सलाह दी जा रही है कि वे अपने आसपास पानी को जमा न होने दे, क्योंकि जलजमाव वाली जगहों पर ही मच्छर पनपते हैं इसलिए मच्छरों से होने वाली इन बीमारियों से बचने के लिए लोगों का सजग रहना जरूरी है।
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चिकनगुनिया के लक्षण

चिकनगुनिया और डेंगू मच्छरों के काटने से होने वाले रोग है। जिले में बढ़ते मामलों को देखते हुए सबसे ज्यादा चिकनगुनिया टेस्ट भी यहीं कराए जा रहे हैं। चिकनगुनिया के लक्षणों में बुखार आना, शरीर पर लाल चकते पड़ना और जोड़ो में असहनीय दर्द होना है। ऐसे कोई भी लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर से मिले। अभी तक इस बीमारी का टीका नहीं बना है इस कारण डॉक्टर मरीजों में लक्षण देखकर उसी आधार पर उनका इलाज कर रहे हैं।
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