Ranchi Vehicle Training Center: अब भारी वाहन चलाने का गुर सीखेंगे शहरवासी, यहां बना हेवी व्हीकल ट्रेनिंग सेंटर

Ranchi News: राजधानी के लोगों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें कार एवं अन्य भारी वाहन सीखने के लिए अपनी जान जोखिम में नहीं डालनी पड़ेगी। सड़कों की जगह अब लोग ट्रेनिंग सेंटर में वाहन चलाना सीख सकेंगे। सरकार से मान्यता प्राप्त इस संस्थान से वाहन चलाने की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। हालांकि ट्रेनिंग के लिए शुल्क देना होगा। यह ट्रेनिंग सेंटर रातू में बना है। और पढ़ें

driving school
Photo : Twitter

रातू में 2.2 एकड़ जमीन पर बना ट्रेनिंग सेंटर (प्रतीकात्मक तस्वीर)

मुख्य बातें
  • रातू के ब्रजपुर में बना एलएनवी हेवी एंड लाइट ड्राइविंग स्कूल
  • कार, ट्रक-बस समेत अन्य भारी वाहन चलाने के लिए सिखाया जाएगा
  • एक महीने मिलेगा प्रशिक्षण, 18 हजार शुल्क

Ranchi Heavy Vehicle Training Center: शहर में अब भारी वाहन चलाने की ट्रेनिंग मिली। सरकार से मान्यता प्राप्त यह ट्रेनिंग सेंटर रातू के ब्रजपुर में बनाया गया है। एलएनवी हेवी एंड लाइट ड्राइविंग स्कूल 2.12 एकड़ जमीन पर बनाया गया है। यहां सड़कों पर वाहन चलाने के दौरान आने वाली सभी चुनौतियों को ध्यान में रखकर वैसे ट्रैक बनाए गए हैं। ट्रेनिंग सेंटर में घुमावदार, आड़ा-तिरछा, तीखे मोड़, रिवर्स, चढ़ाई-ढलान भी बना हुआ है। इससे चालक को सभी तरह की सड़क पर वाहन चलाने का अनुभव हो जाए।

एक महीने तक भारी वाहन चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए 18 हजार रुपए शुल्क है। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इस आधार पर भारी वाहन चलाने का ड्राइविंग लाइसेंस जारी हो जाएगा। बता दें धनबाद में भारी वाहन ट्रेनिंग स्कूल है।

18 घंटे का होगी प्रैक्टिकल क्लासएलएनवी ड्राइविंग स्कूल में एक महीने की ट्रेनिंग के दौरान 15 घंटे की प्रैक्टिकल क्लास रहेगी। इसमें ट्रक और बस चलाने के लिए दिया जाएगा। आठ और एच शेप में वाहन चलाने, घुमावदार एवं तीखे मोड़ पर वाहन काटने, गाड़ी को रिवर्स कर काटने की बारीकियां सिखाई जाएंगी। इतना ही नहीं 8 घंटे की थ्योरी क्लास रहेगी। इसमें वाहन के हर पार्ट्स और उसमें होने वाली खराबियों की जानकारी दी जानी है।

निजी ट्रेनिंग सेंटर ले रहे मनमानी फीसरांची में सैकड़ों वाहन ट्रेनिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं। इसमें ज्यादातर कार चलाना ही सीखाते हैं। यह मनमानी फीस वसूलते हैं। दूसरी परेशानी इनके द्वारा जर्जर कारों से ड्राइविंग सिखाई जाती है। इस दौरान दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। इतना ही नहीं सड़कों पर ही ट्रेनिंग दी जाती है, जिससे कई बार लोग हादसे के शिकार हो जाते हैं। वहीं, ट्रक और बस चलाने के लिए कोई ट्रेनिंग सेंटर नहीं है। इन वाहनों को लोग सड़क किनारे ही चलाना सीखते हैं। कई बार हादसे भी हो चुके हैं।

हजारीबाग में भी है ट्रेनिंग सेंटरहजारीबाग में भी एक वाहन ट्रेनिंग सेंटर खुला है। इसने राज्य सरकार से सेंटर संचालित करने के लिए लाइसेंस ले रखा है। यहां भी भारी वाहनों के चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है। यह हजारीबाग का पहला वाहन ट्रेनिंग सेंटर है। यहां दूसरे राज्य के भी लोग आकर भारी वाहन चलाना सीखते हैं। लोगों को 72 घंटे की क्लास दी जाती है। इसमें सड़क सुरक्षा, प्रैक्टिकल, सड़क सुरक्षा से जुड़ी विभिन्न धाराओं की जानकारी, साइन बोर्ड, सिमुलेटर प्रशिक्षण दिया जाता है।

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