Albert Ekka: अंडमान के एक द्वीप का नाम होगा परम वीरचक्र विजेता अल्बर्ट एक्का

Andaman island named after Albert Ekka: अंडमान-निकोबार के 21 द्वीपों का नाम परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखे जाने की घोषणा से झारखंड में खुशी है। सूबे के गुमला निवासी लांस नायक अल्बर्ट एक्का के नाम पर भी एक द्वीप का नाम रखा जाएगा। इससे उनके जिले के साथ पूरे राज्य के लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इसका ऐलान किया है। वहीं, सोमवार को कार्यक्रम आयोजित कर द्वीपों का नाम शूरवीरों के नाम पर रखा जाएगा।

परम वीरचक्र विजेता अल्बर्ट एक्का

मुख्य बातें
  • केंद्र सरकार ने परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर अंडमान-निकोबार के 21 द्वीपों का नाम रखने की कि है घोषणा
  • द्वीपों का नाम 23 जनवरी को शूरवीरों के नाम पर होगा घोषित
  • भारत-बांग्लादेश युद्ध में 3 दिसंबर 1971 को शहीद हुए थे अल्बर्ट एक्का


Ranchi News: केंद्र सरकार की एक घोषणा से झारखंड के लोग उत्साहित हैं। गुमलावासियों समेत पूरे झारखंड के लोगों को सोमवार का इंतजार है। इस दिन गुमला के लाल लांस नायक परमवीर चक्र विजेता अल्बर्ट एक्का के नाम पर अंडमान-निकोबार के किसी एक द्वीप का नाम रखा जाएगा। इस दिन केंद्र सरकार द्वारा 21 द्वीपों का नाम परमवीर चक्र विजेता 21 शूरवीरों के नाम पर रखा जाएगा। इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को की थी।

इससे पहले 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रॉस द्वीप समूह के एतिहासिक महत्व को देखते हुए द्वीप का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखा था। इतना ही नहीं नील द्वीप और हैवलॉक द्वीप का भी नाम बदल दिया था। इन द्वीपों का नाम क्रमश: शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप कर दिया था। अधिकारियों का कहना है कि सोमवार को प्रधानमंत्री द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर बनने वाले बोस स्मारक को मॉडल का भी अनावरण किया जाएगा।

कौन हैं अल्बर्ट एक्कालांस नायक अल्बर्ट एक्का गुमला जिले के जारी गांव के निवासी थे। यहां उरांव जनजातियों का क्षेत्र है। जब एक्का शहीद हुए तब रांची जिले में ही गुमला था। कई साल बाद गुमला अलग जिला बना है। अल्बर्ट एक्का सबसे पहले बिहार रजिमेंट में रहने के दौरान चीन से युद्ध में शौर्य दिखाया था। 1962 की भारत-चीन युद्ध में एक्का ने कई दुश्मनों को मार गिराया था।

150 जवानों की जान थी बचाईभारत-बांग्लादेश युद्ध के दौरान 3 दिसंबर 1971 को अल्बर्ट एक्का शहीद हो गए थे। उस रात गंगा सागर के पास एक्का मोर्चा संभाले हुए थे। यहां पास में रेलवे स्टेशन था, जिसमें पाकिस्तानी 165 घुसपैठ थे। रात 2.30 बजे एक्का एवं उनके साथ रेलवे स्टेशन पार किए तो पाकिस्तानी सेना के संतरी ने उन्हें गोली मार दी। 20 गोलियां लगने के बाद भी एक्का ने पाक सेना का बंकर उड़ा दिया था। इसमें 65 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। वहीं, घायल 15 सैनिकों को कैद कर लिया गया था। सेना का कहना है कि अल्बर्ट एक्का बंकर नहीं उड़ाते तो हमारे 150 जवान शहीद हो गए होते।

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