Condition of Rims: रांची: रिम्स के आईसीयू में एक ही बेड पर शव और डेंगू पीड़ित बच्चा, मृत बच्चे के पिता के साथ हुई अमानवीयता
Rims News: झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में व्यवस्था नहीं सुधर रही है। तमाम अधिकारियों की ओर से सख्त निर्देश जारी करने के बाद भी कुव्यवस्थाओं में सुधार नहीं किया जा रहा है। अब अस्पताल के आईसीयू में जिस बेड पर शव पड़ा था, उसी पर एक बच्चे का चार घंटे तक इलाज चलता रहा है। इतना ही नहीं मामला तूल पकड़ने की आशंका को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने आनन-फानन में शव को हटवाया। पीड़ित चाचा को शव ले जाने के लिए स्ट्रेचर तक नहीं दिया गया।
रिम्स अस्पताल, जहां की कुव्यवस्था फिर उजागर हुई है।
मुख्य बातें
- अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग के आईसीयू का मामला
- चार घंटे तक एक ही बेड पर मरीज और शव पड़ा रहा
- मामला खुला तो आनन-फानन में हटवाया शव
Jharkhand Government: रांची स्थित रिम्स अस्पताल प्रबंधन का अमानवीय पहलू फिर सामने आया है। इस बार अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग के आईसीयू में चार घंटे तक एक ही बेड में शव और मरीज रहा। जब मामला खुला तो इसकी भनक लगते ही जिम्मेदारों द्वारा आनन-फानन में शव को बेड से हटवाया गया। रिम्स प्रबंधन की तरफ से शव को ले जाने के लिए ट्रॉली तक नहीं मुहैया कराई गई। मृतक आदित्य के चाचा रिंटू पटेल का कहना है कि भतीजे के शव को वह अपनी गोद में लेकर एंबुलेंस तक गए हैं। संबंधित खबरें
उन्होंने बताया कि हम लोग बिहार के गया जिले के रहने वाले हैं। विष्णु पद मंदिर इलाके में घर है। मेरे भतीजे 12 साल के आदित्य को किडनी में परेशानी थी। शनिवार की अल सुबह 4 बजे उसे बेहतर इलाज के लिए रिम्स में भर्ती करवाया गया था। संबंधित खबरें
खराब लिफ्ट की वजह से चली गई आदित्य की जानपीड़ित चाचा के मुताबिक रिम्स के डॉक्टरों ने कहा कि बच्चे की डायलिसिस में काफी अधिक समय लग जाएगा। इसकी जान बचाने के लिए निजी अस्पताल में ले जाओ। तब आदित्य को निजी अस्पताल में डायलिसिस के लिए ले जाने का निर्णय लिए। आदित्य को डायलिसिस के लिए स्ट्रेचर के माध्यम से लिफ्ट में ले जाया गया। इसी बीच ग्राउंड फ्लोर पर आते ही लिफ्ट झटका खाकर अटक गई और आदित्य ने दम तोड़ दिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि नीचे आते ही लिफ्ट से जोरदार आवाज आई और संभवत इसी वजह से बच्चे की मौत हुई है।
शव के साथ अपने बच्चे का इलाज होता देखकर लग रहा डरआदित्य का शव जिस बेड पर रखा हुआ था, उसी बेड पर झारखंड के गढ़वा जिले के मझिआंव से आए साढ़े चार साल का बच्चा भी था। बच्चे की मां का कहना है कि डेंगू होने के बाद उसका प्लेटलेट्स 22 हजार पहुंच गया है। ऐसे में उसके बेहतर इलाज के लिए रिम्स लेकर आई हूं, लेकिन ऐसी विडंबना है कि शव के साथ मेरे बच्चे का इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे भी किसी मासूम बच्चे की मौत का दर्द हो रहा है पर शव के साथ अपने बच्चे का इलाज होता देख काफी डर लग रहा है।
अस्पताल की लिफ्ट सुचारू रूप से नहीं चल रहीअस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों के परिजनों का कहना है कि अस्पताल के किसी भी विभाग का लिफ्ट सुचारू रूप से काम नहीं कर रही है। कई बार लिफ्ट बीच में ही फंस जाती है। इसको लेकर अधिकारियों से शिकायत भी की गई है, लेकिन कोई पहल नहीं की गई। नतीजतन, एक मासूम की जान चली गई। अगर, लिफ्ट सही होती तो शायद वह बच्चे बच जाता।
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