लव जिहाद का गढ़ बन रहा झारखंड? 2022 में सामने आए कई मामले, 5 जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों का वर्चस्व!

Jharkhand Love Jihad Case: बांग्लादेश से नजदीकी जिलों की हालत सबसे खराब है। यहां बांग्लादेशी घुसपैठिये काफी संख्या में घुस चुके हैं। जिसके कारण यहां डेमेग्राफिक बदलाव होता दिख रहा है। इन जिलों में लव जिहाद के मामले भी समाने आ चुके हैं। साथ ही आदिवासियों की जमीनों पर भी इनका कब्जा धीरे-धीरे बढ़ रहा है।

jharkhand Ranchi love jihad case

झारखंड में लगातार सामने आ रहे हैं लवजिहाद के मामले (प्रतीकात्मक फोटो)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ डिजिटल

रांची: साल 2022 में झारखंड में लव जिहाद (Jharkhand Love Jihad Case) के कई मामले सामने आ चुके हैं। कुछ मामलों में तो लड़कियों को जान भी गंवानी पड़ी है। हाल ये है कि सवाल अब ये उठने लगा कि झारखंड कहीं, लव जिहाद का नया केंद्र तो नहीं बन गया है? विपक्ष इस मामले में सोरेन सरकार को घेर रही है और सरकार इन घटनाओं को एक सामान्य घटना ही बता रही है।

50 टुकड़ों में मिली लाश

कुछ दिनों पहले ही झारखंड के साहिबगंज जिले में एक हिंदू लड़की रेबिका पहाड़िन की हत्या करके उसकी लाश को 50 टुकड़ों में काटकर फेंक दिया गया था। मामले की जांच हुई तो इस केस में उसका पति दिलदार अंसारी ही हत्यारा निकला। कुछ सप्ताह पहले ही दोनों ने लव मैरिज किया था। आरोपी पति दिलदार अंसारी के साथ-साथ उसकी मां, मामा और कुछ रिश्तेदार भी शामिल थे। रेबिका के परिवार वालों का दावा है कि शादी के बाद उसे इस्लामअपनाने के लिए दवाब बनाया जा रहा था, जिसके लिए लड़की इनकार कर रही थी। ये बात दिलदार अंसारी को नागवार गुजरी और उसने उसकी हत्या कर दी।

जाल में फंसाकर रेप

साहिबगंज जिले में ही आदिम जनजाति की एक युवती को ब्लैकमेल कर उसका रेप करने का मामला सामने आया। आरोपी मो. सद्दाम ने युवती के मोबाइल की रिपेयरिंग के नाम पर उसे अपने जाल में फंसाया और उसकी अश्लील तस्वीरें और वीडियो बना ली। किसी को घटना की जानकारी देने पर वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उससे दुष्कर्म किया।

पहचान छिपाकर शादी

झारखंड के बोकारो जिले में ऐसे दो मामले सामने आए हैं। यहां असलम खान नामक एक शख्स ने खुद को हिंदू बताया और एक गरीब परिवार को बरगलाकर उसकी नाबालिग लड़की से शादी करने पहुंच गया। लड़की के परिवार वाले गरीब थे, सोचा बेटी का रिश्ता हो जाए। शादी की तैयारियों शुरू हो गई। बारात भी आ गई, लेकिन वरमाला के बाद मंडप पर बैठने के पहले उसकी असली पहचान सामने आ गई। फिर लोगों ने उसकी जमकर फजीहत की। उसकी पिटाई भी हुई।

बोकारो में ही मोहम्मद जियाउल नाम के एक शख्स ने प्राइवेट स्कूल की एक छात्रा का वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल किया और उसके साथ जबरदस्ती संबंध बना लिएय़ इसके बाद वीडियो भी स्कूल की ईमेल आईडी पर भेज दिया।

शहर दर शहर आए मामले

बीते 23 अगस्त को दुमका में शाहरुख और नईम ने 12वीं की छात्रा अंकिता सिंह पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी थी। हॉस्पिटल में पांच दिनों तक संघर्ष के बाद अंकिता ने दम तोड़ दिया था। अंकिता का कसूर सिर्फ यह था कि शाहरुख उसपर बातचीत और दोस्ती का दबाव डालता था, लेकिन उसने इससे इनकार कर दिया था।

दुमका जिले ही बीते दो सितंबर को लव जिहाद की एक और भयावह वारदात सामने आई थी। श्रीअमड़ा में एक नाबालिग लड़की से रेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई और इसके बाद उसकी लाश एक पेड़ से लटका दी गई। आरोपी अरमान नामक युवक शादी का झांसा देकर कई महीनों से उसका यौन शोषण कर रहा था।

सितंबर महीने में ही खूंटी जिले के कर्रा थाना क्षेत्र में आदिवासी समुदाय की नाबालिग लड़की के यौन शोषण के आरोप में फखरुद्दीन नामक शख्स को गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि आरोपी लड़की को झांसा देकर उसका यौन शोषण कर रहा था। लड़की के अनुसार मोबाइल चैटिंग के जरिए युवक से बातचीत शुरू हुई थी। प्यार-मोहब्बत का वास्ता देकर लड़के ने यौन शोषण किया। युवक ने खुद को हिंदू बताकर उससे दोस्ती की थी।

इसी महीने लोहरदगा में भी एक घटना सामने आई। रब्बानी अंसारी ने पहचान छिपाकर एक लड़की का यौन शोषण किया। बाद में रब्बानी की पहचान सामने आई तो उसने लड़की को कुएं में धकेलकर पत्थर से कुचलने की कोशिश की थी। बाद में पुलिस ने रब्बानी अंसारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा।

सितंबर महीने में गढ़वा जिला अंतर्गत मेराल थाने में यूपी के सोनभद्र की रहनेवाली हिंदू युवती ने आफताब अंसारी नामक शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। युवती का आरोप है कि उसने खुद को पुष्पेंद्र सिंह बताकर उससे शादी की। युवती को चार साल बाद अपने पति के असली नाम और धर्म की जानकारी तब हुई, जब वह पहली बार उसके घर आई।

बीते नवंबर महीने में सिमडेगा के बानो प्रखंड की एक नाबालिग आदिवासी लड़की को बरगलाकर उसका रेप करने और साजिशपूर्वक उसे मार डालने के आरोप मे चांद अंसारी नामक युवक को गिरफ्तार किया गया था।

इसी तरह अगस्त महीने में रांची के नरकोपी थाना क्षेत्र में एक जनजातीय नाबालिग लड़की से रेप के आरोप में शहरुद्दीन नामक शख्स को गिरफ्तार किया गया था। मार्च महीने में बोकारो जिले के पेटरवार में एक दलित नाबालिग युवती के साथ दुष्कर्म के मामले में इरफान और सलमान नामक दो युवकों की गिरफ्तारी हुई थी।

पांच जिलों में बदले हालात

लव जिहाद जैसी घटनाओं पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप को छोड़ दें, तो भी यह सच है कि बांग्लादेश की सीमा से करीब स्थित झारखंड के पांच जिलों की डेमोग्राफी तेजी से बदली है। पिछले तीन दशकों में बांग्लादेश से लाखों की तादाद में घुसपैठिए साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, गोड्डा और जामताड़ा जिलों के अलग-अलग इलाकों में आकर बस गये हैं। इन इलाकों में हो रहे जनसांख्यिकीय बदलाव को लेकर सरकारी विभागों ने केंद्र और राज्य सरकारों को समय-समय पर कई बार रिपोर्ट मिली है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर 1994 में साहिबगंज जिले में 17 हजार से अधिक बांग्लादेशियों की पहचान हुई थी। इन बांग्लादेशियों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए थे, मगर इन्हें वापस नहीं भेजा जा सका। आंकड़े भी इस बात की तस्दीक करते हैं कि बांग्लादेश के करीब स्थित झारखंड के जिलों में मुस्लिम आबादी अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है। मसलन, पाकुड़ में 2001 में मुस्लिम आबादी 33.11 प्रतिशत थी जो 2011 में 35.87 प्रतिशत हो गई।

IANS से मिले इनपुट के आधार पर

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