Ranchi Sadar Hospital: रांची में मरीजों का इलाज होगा महंगा, सदर अस्पताल में 300 की जगह 600 रुपए होगा बेड चार्ज

Ranchi Government Hospital: राजधानी में आम लोगों पर इलाज के खर्च का और बोझ बढ़ने वाला है। शहर स्थित सदर अस्पताल में इलाज महंगा होने वाला है। पैथोलॉजी जांच से लेकर बेड तक का शुल्क बढ़ने वाला है।

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सदर अस्पताल में इलाज होगा महंगा (प्रतीकात्मक तस्वीर)

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • पैथोलॉजी जांच भी होगी महंगी, रिम्स के बराबर लग सकता है शुल्क
  • सभी तरह के शुल्क बढ़ाने पर पैसे से अस्पताल की व्यवस्था सुदृढ़ करने का दावा
  • डॉक्टर, पारा मेडिकली स्टाफ आदि संविदा पर किए जाएंगे बहाल

Ranchi News: रांची सदर अस्पताल में इलाज कराना और पैथोलॉजी जांच करवाना बहुत जल्द महंगा होने वाला है। फिलहाल अस्पताल में सिंगल बेड के 300 रुपए शुल्क लगते हैं पर बहुत जल्द यह शुल्क बढ़कर 600 रुपया या उससे भी ज्यादा होने वाला है। रिम्स में खून जांच के लिए जितने पैसे खर्च करने होते हैं, अब उतने पैसे ही सदर अस्पताल में देने होंगे। वैसे, पैसे बढ़ाकर अस्पताल की व्यवस्था को दुरुस्त करने का दावा किया जा रहा है।

अगर, अस्पताल की व्यवस्था बेहतर होती है तो मरीजों को ही इसका लाभ मिलेगा। दरअसल, डीसी राहुल कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में जिला अस्पताल प्रबंधन समिति की बैठक हुई है। इसमें इलाज से लेकर पैथोलॉजी जांच के शुल्क में संशोधन करने को मंजूरी दे दी गई है।

सदर अस्पताल में 24 घंटे खुलेगी दवा की दुकान

बैठक में उपस्थित सिविल सर्जन डॉ. वीबी प्रसाद ने कहा कि, बहुत जल्द अस्पताल में 24 घंटे मेडिकल स्टोर खुला रहेगा। इससे पहले विधायक सीपी सिंह ने अस्पताल में 24 घंटे मेडिकल की दुकान खोले जाने की मांग की थी। बता दें, बैठक में सदर अस्पताल में 500 बेड के संचालन के लिए डॉक्टर, पारा मेडिकल और टेक्निकल स्टाफ का आकलन कर आउटसोर्स पर बहाली करने की मंजूरी दी गई है। डीसी का कहना है कि, मैन पावर की कमी दूर करने के लिए चिकित्सकीय उपकरणों की खरीदारी जल्द की जाए, जिससे मरीजों का उपचार बेहतर किया जा सके।

रिम्स की अव्यवस्था से पहले से परेशान हैं मरीज

सदर अस्पताल में इलाज महंगा होने से मरीजों की परेशानी दोगुनी हो जाएगी। रिम्स में पहले से मरीजों का दबाव काफी अधिक है। इसके अतिरिक्त रिम्स अस्पताल प्रबंधन की आए दिन बड़ी कमियां उजागर होती रहती हैं। हाल में एक डॉक्टर ने जीवित मरीज को मृत बता दिया था। परिजनों ने देखा तो उसकी सांसें चल रहीं थीं, जिसके बाद सात घंटे तक मरीज का इलाज किया गया था। उसके बाद उसका निधन हो गया था। इससे पहले बेड पर शव के साथ एक बच्चे का इलाज चल रहा था। इस तरह की कई बड़ी लापरवाही रिम्स की उजागर होती रही है। हाल में हाईकोर्ट ने भी रिम्स प्रबंधन को कहा था कि, अव्यवस्था नहीं संभल रही तो आप प्रबंधन छोड़ दें।

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