Ranchi: रांची के युवक ने पढ़ाई के दौरान वेब होस्टिंग की कंपनी बना डाली, पाक एयरस्ट्राइक पर गेम भी बना चुका है
Ranchi Youth Company: रांची के युवक लगातार उपलब्धियों को हासिल कर रहे हैं। कम उम्र में ही अपनी जिज्ञासा से टेक्नोलॉजी की दुनिया में अपने पैर जमा रहे हैं। अब शहर के 22 साल के दीपेश गौरव ने वेब होस्टिंग कंपनी बना दी है। यह कंपनी अब रजिस्टर्ड भी हो गई है।
दीपेश गौरव जिनकी कंपनी है गौरव-गो टेक्नोलॉजिस
मुख्य बातें
- डोमेन लेने एवं डैशबोर्ड तैयार करने में नुकसान के बाद आया था आइडिया
- कंप्यूटर साइंस सेकंड ईयर के विद्यार्थी हैं दीपेश
- गौरव-गो-टेक्नोलॉजिस के नाम से चला रहे कंपनी
Ranchi News: शहर के बरियातू के रहने वाले 22 साल के दीपेश गौरव ने वेब होस्टिंग कंपनी बनाई है। वेबसाइट बनाने में आने वाली समस्याओं को देखकर दीपेश ने वेब होस्टिंग कंपनी बनाई। इन्हें वेबसाइट का डोमेन लेने एवं डैशबोर्ड तैयार करने में आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा था। 2020 में दीपेश ने कंप्यूटर साइंस से सेकंड ईयर में पढ़ाई के दौरान गौरव गो कंपनी बनाई।
इस कंपनी का काम बढ़ने पर कॉलेज के सहपाठियों ने उनका साथ दिया। इनकी टीम की पहचान गौरव-गो-टेक्नोलॉजिस के रूप में है। संस्था इंटरप्राइजेज के रूप में रजिस्टर हो चुका है। इसे डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्रीज एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) का सर्टिफिकेशन मिल गया है।
बेस्ट स्टार्टअप इन झारखंड का मिल चुका है खिताबइनके स्टार्टअप को बेस्ट स्टार्टअप इन झारखंड का अवॉर्ड मिल चुका है। इतना ही नहीं गूगल के बेस्ट वेबसाइट होस्टिंग प्रोवइडर इन इंडिया की कैटेगरी में 15वां स्थान हासिल हुआ है। अब दीपेश एवं उनकी टीम पबजी को टक्कर देने के लिए गेम बनाने में लगी है। 2020 में कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही इन्होंने पाकिस्तान में किए गए एयर स्ट्राइक पर आधारित शूटिंग गेम सेना बनाया था। इसके बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री बीजू पटनायक ने शूटिंग गेम भूमि पुत्र बनाने के लिए कहा था।
90 दिन मुफ्त दे रहे वेब होस्टिंग सुविधादीपेश की कंपनी से कोई व्यक्ति डोमन, सब डोमेन और वेब होस्टिंग की सुविधा लेकर वेबसाइट बना सकता है। इनकी कंपनी 90 दिनों तक मुफ्त वेब होस्टिंग की सुविधा दे रही है। पिछले एक साल में इनकी कंपनी से भारत के अतिरिक्त अरबेजान, जापान, वियतनाम, इंडोनेशिया, इजिप्ट, यूएसए, जर्मनी के लोग जुड़ चुके हैं। दीपेश का कहना है कि, आईटी इंवेस्टर युवाओं पर भरोसा नहीं करते हैं, जिस कारण झारखंड अब भी आईटी हब नहीं बन पा रहा है। दीपेश का कहना है कि, युवाओं को अपना लक्ष्य बनाकर उस दिशा में काम करना चाहिए। अभी तमाम तकनीकी कंपनियां युवा ही चला रहे हैं। डिजिटल दौर में कोई भी आइडिया आए तो उससे संबंधित और जानकारी जुटाकर युवा उसे अंजाम तक पहुंचाएं। यह भी कहा कि, युवा अकेले ऐसा नहीं कर पा रहे तो अपनी टीम बना लें।
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