Republic Day 2025: कर्तव्य पथ पर ‘स्वर्णिम भारत की दिखेगी झलक, गुजरात निकालेगा 'विरासत-विकास' की झांकी

Republic Day 2025: 2025 में 26 जनवरी को भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। गुजरात, आनर्तपुर से एकता नगर तक 'विरासत भी, विकास भी’ की थीम पर आधारित झांकी निकालेगा। गुजरात की झांकी में 12वीं सदी के वडनगर यानी आनर्तपुर के ‘कीर्ति तोरण’ से लेकर 21वीं सदी के ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के रूप में राज्य की सांस्कृतिक विरासत के साथ विकास परियोजनाओं को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया गया है।

गुजरात की झांकी

Republic Day 2025: नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर 26 जनवरी 2025 76वें गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में ‘स्वर्णिम भारत की तस्वीर दिखेगी। इस वर्ष गणतंत्र दिवस की परेड में 14 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ-साथ केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों की 16 झांकियों समेत कुल 30 झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में रिपब्लिक ऑफ इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। इस आयोजन में देशभर के तमाम राज्यों की विशेष झांकियां नजर आएंगी। इनमें से गुजरात भी अपनी प्रस्तुति देगा। गुजरात, आनर्तपुर से एकता नगर तक 'विरासत भी, विकास भी’ की थीम पर आधारित झांकी निकालेगा। गुजरात की झांकी में 12वीं सदी के वडनगर यानी आनर्तपुर के ‘कीर्ति तोरण’ से लेकर 21वीं सदी के ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के रूप में राज्य की सांस्कृतिक विरासत के साथ ही रक्षा, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में राज्य की ‘आत्मनिर्भरता’ को प्रदर्शित करती विभिन्न विकास परियोजनाओं को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया गया है।

गुजरात की झांकी की खासियत

गुजरात की झांकी के अगले हिस्से में सोलंकी काल में निर्मित वडनगर स्थित 12वीं सदी का गुजरात का सांस्कृतिक प्रवेशद्वार कहा जाने वाला ‘कीर्ति तोरण’ है, तो अंत में 21वीं सदी की शान, 182 मीटर ऊंची सरदार पटेल की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को दर्शाया गया है, जो दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। इन दोनों विरासतों के बीच गुजरात में विभिन्न क्षेत्रों में हुए शानदार विकास की प्रतिकृतियां हैं, जिसमें रक्षा, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत गुजरात की विभिन्न परियोजनाओं को दर्शाया गया है। बिरसा मुंडा जी की 150वीं जयंती के अवसर पर गुजरात के ‘जनजातीय गौरव’ को प्रदर्शित करती पिथोरा चित्रों की शृंखला, पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी जी की 100वीं जयंती के प्रतीक के रूप में साबरमती रिवरफ्रंट के दोनों तटों को जोड़ने वाला ‘अटल ब्रिज’, द्वारका और शिवराजपुर बीच में आकार लेने वाले ‘अंडर वाटर स्पोर्ट्स’ की गतिविधियों के साथ मिट्टी और शीशे से बनी कच्छी कलाकृतियां झांकी को चार चांद लगा रही हैं।

गुजरात की झांकी

सोलंकी कालीन की भी झलक

गुजरात की झांकी के अग्रभाग में ‘यूनेस्को’ की हेरिटेज साइट में शामिल आनर्तपुर यानी मौजूदा वडनगर शहर में स्थित 12वीं सदी का सोलंकी कालीन ‘कीर्ति तोरण’ दर्शाया गया है। इसके चारों ओर मिट्टी और शीशे से निर्मित कच्छी कलाकृतियों के साथ जनजातीय देव ‘बाबा पिथोरा’ की स्मृति में रेखांकित ‘पिथोरा चित्रों’ की शृंखला को प्रदर्शित किया गया है।

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