22 लाख करोड़ की लागत से 18 हजार किलोमीटर Expressway बनाने की तैयारी में रोड मिनिस्ट्री, जानें पूरा प्लान

देश में लगातार Expressway का जाल बिछ रहा है। राष्ट्रीय राजमार्गों की हालत सुधर रही है। ऐसे में सड़क परिवहन व हाईवे मंत्रालय ने 18 हजार किमी के एक्सप्रेसवे और बनाने की रूपरेखा तैयार कर ली है। मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से इसके लिए 22 लाख करोड़ निवेश की मंजूरी मांगी है।

18 हजार किमी एक्सप्रेसवे बनाने का प्लान

नई दिल्ली : देश में एक के बाद एक कई एक्सप्रेसवे बन रहे हैं। देश के सबसे लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) से लेकर सबसे छोटे द्वारका एक्सप्रेसवे (Dwarka Expressway) तक देश में हाईस्पीड सड़कों का जाल बिछ रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों की दूरियों को कम करने में यह एक्सप्रेसव बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। जहां पहले 25-30 घंटे लगते थे, वहां अब 10-12 घंटे में पहुंच रहे हैं और जहां 10-12 घंटे लगते थे, वह दूरी 5-6 घंटे में तय हो रही है। एक्सप्रेसवे पर देश तेजी से आगे बढ़ रहा है और सड़क परिवहन व हाईवे मंत्रालय भविष्य में 18 हजार किमी एक्सप्रेसवे और बनाने जा रहा है। चलिए जानते हैं नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के मंत्रालय ने क्या कुछ तैयारी की है -

सड़क परिवहन व हाईवे मंत्रालय (Road Transport and Highways Ministry) ने कैबिनेट से 22 लाख करोड़ रुपये के निवेश की मंजूरी मांगी है। मंत्रालय 2031-32 तक देश में हाईवे के नेटवर्क को 30,600 किमी तक पहुंचना चाहता है। पिछले ही सप्ताह मंत्रालय ने जो वित्त मंत्रालय में अपना प्लान शेयर किया है और अन्य महत्वपूर्ण मंत्रालयों को भी इस बारे में जानकारी दी गई है। प्लान में 18 हजार किलोमीटर एक्सप्रेसवे और हाई-स्पीड कॉरिडोर (High-Speed Corridors) बनाने की बात कही गई है।

नेशनल हाईवेज को ट्रैफिक जाम से मुक्तियही नहीं मंत्रालय ने जो प्लान दिया है, उसमें शहरों के आसपास 4000 किमी के राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highways) को ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाने की रूप रेखा भी है। इसके अलावा स्ट्रैटजिक व अंतरराष्ट्रीय सड़कें बनाने की बात भी इस प्लान में कही गई है। सड़क परिवहन व हाईवे मंत्रालय ने जो प्लान दिया है, उसमें आने वाली कुल लागत का 35 फीसद निवेश प्राइवेट सेक्टर से आने की बात कही गई है।

नए हाईवे पर ट्रकों को मिलेगी रफ्तार नेशनल हाईवे नेटवर्क को जिस तरह से विकसित किया जा रहा है, उसे देखते हुए कहा जा रहा है कि इनका काम पूरा हो जाने के बाद ट्रकों की औसत स्पीड में भारी इजाफा होगा। मौजूदा हाईवे नेटवर्क पर ट्रकों की औसत रफ्तार 47 किमी प्रति घंटा होती है, जो बढ़कर 85 किमी प्रति घंटा तक हो जाएगा। बात करें अमेरिका और चीन की तो अमेरिका में हाईवे पर औसत रफ्तार 100 किमी और चीन में 90 किमी प्रति घंटा है। सरकार को उम्मीद है कि एवरेज स्पीड बढ़ने से जीडीपी में लॉजिस्टिक कॉस्ट को उसके लक्ष्य 9-10 फीसद तक कम करने में मदद मिलेगी।

देश के हर कोने में बनेंगे हाईस्पीड कॉरिडोरहाई-स्पीड कॉरिडोर की परकल्पना इस तरह से की गई है कि देश के किसी भी कोने से अधिकत 100-150 किमी की दूरी तय करके इन तक पहुंचा जा सकेगा। मौजूदा समय में देश में सिर्फ 39 हजार किमी हाई-स्पीड कॉरिडोर ऑपरेशनल हैं और उम्मीद की जा रही है कि 2026-27 तक यह बढ़कर करीब 11 हजार किमी हो जाएंगे।

31 दिसंबर 2022 तक राज्यों में नेशनल हाईवे की कुल लंबाई

S. No.राज्य/केंद्र शासित प्रदेश का नामलंबाई (किलोमीटर में)
1आंध्र प्रदेश8,683.15
2अरुणाचल प्रदेश4,285.39
3असम4,076.91
4बिहार5,969.40
5चंडीगढ़15.28
6छत्तीसगढ़3,620.45
7दिल्ली157.1
8गोवा299.3
9गुजरात7,885.00
1हरियाणा3,391.10
11हिमाचल प्रदेश2,606.88
12जम्मू और कश्मीर1,752.16
13झारखंड3,429.86
14कर्नाटक8,037.18
15केरल1,781.57
16लद्दाख806.45
17मध्य प्रदेश9,104.64
18महाराष्ट्र18,459.25
19मणिपुर1,840.34
20मेघालय1,155.60
21मिजोरम1,498.67
22नागालैंड1,670.47
23ओडिशा5,897.08
24पुडुचेरी64
25पंजाब4,239.32
26राजस्थान10,706.34
27सिक्किम709.07
28तमिलनाडु7,000.20
29तेलंगाना4,925.76
31त्रिपुरा888.61
30उत्तर प्रदेश12,270.23
32उत्तराखंड3,664.27
33पश्चिम बंगाल3,674.67
34अंडमान और निकोबार द्वीप समूह330.7
35दादरा और नगर हवेली37
36दमन और दीव22
देश में नेशनल हाईवे की कुल लंबाई ( आंकड़े स्रोत - NHAI )144,955
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