UP का ये जिला 'काला नमक' धान का बनता जा रहा गढ़, कम लागत में मोटी कमाई कर रहे किसान
यूपी के सोनभद्र में काला नमक धान की पैदावार किसानों को मालामाल कर रही है। ज्यादातर किसान आर्गेनिक खेती कर ये कमाल कर रहे हैं।
'काला नमक' चावल
सोनभद्र: काला नमक धान की खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। कम लागत में ज्यादा पैदावार से किसान बेहद उत्साहित हैं। जिले में काला नमक धान की ऑर्गेनिक खेती किसानों को तरक्की की ओर ले जा रही है। कई किसान इस तकनीकि का लाभ उठा रहे हैं। जिले का कृषि विभाग भी किसानों को इस उन्नत धान की खेती में पूरी तरह से सहयोग कर रहा है। किसानों का कहना है कि इसमें प्रति हेक्टेयर कम पैदावार होती है, लेकिन काला नमक चावल की मांग अधिक होने से उन्हें अच्छा लाभ मिल रहा है। कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, जिले में चालिस से पच्चीस किसान काला नमक धान की खेती कर रहे हैं। ये आम धान की खेती की अपेक्षा अधिक मुनाफा देता है। ऐसे में किसान सोनभद्र कृषि विज्ञान केंद्र से प्रशिक्षण लेकर और कृषि विभाग की देखरेख में अच्छी कमाई कर रहे हैं।
120 रुपये प्रति किलो बिकता है काला नमक चावल
किसानों का कहना है कि उनकी खेती में खाद और कीटनाशक का उपयोग नहीं किया जाता है। फिर भी उन्हें प्रति बीघा छह क्विंटल काला नमक धान और चार क्विंटल काला नमक चावल आसानी से मिल जाता है। काला नमक चावल 120 रुपये प्रति किलो तक बिकता है। उन्हें 48 हजार रुपये प्रति बीघा का दाम मिलता है। अगर लागत को निकाल दिया जाए तो उन्हें फिर भी 30 हजार रुपये का मुनाफा मिलता है। यह खेती सामान्य धान की फसल की अपेक्षा ज्यादा फलदायक साबित हो रही है।
जैविक खेती को बढ़ावा
आपको बता दें कि रासायनिक खेती की वजह से मिट्टी की उर्वरता लगातार कम होती जा रही है, जिस वजह से सरकार और किसान दोनों जैविक खेती की ओर बढ़ते जा रहे हैं। काला नमक चावल भी जैविक खेती के जरिए ही उगाया जाता है। यानी धान की यह विशेष किस्म बिना खाद और कीटनाशकों की मदद से उगाई जाती है। यह जैविक खेती के लिए पूरी तरह उपयुक्त प्राचीन किस्म है। काला नमक चावल बहुत उच्च गुणवत्ता वाला चावल है। काले रंग की भूसी के कारण इसका नाम 'काला नमक' चावल पड़ गया।
कई बीमारियों को फटकने नहीं देता 'काला नमक' चावल
डॉक्टरों का मानना है कि काला नमक चावल का सेवन करने से कई बीमारियों पास नहीं आती। क्योंकि इसमें फाइबर, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, अमिनो एसिड्स, एंटिऑक्सिडेंट्स और अन्य पोषक तत्व शामिल हैं। इससे सुगर के मरीजों को नियंत्रण करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा हृदय का स्वास्थ्य बेहतर होता है। अन्य चावल फैट बढ़ाने में मदद करते हैं लेकिन काला नमक धान वजन कम करने में मदद करता है। इतना ही नहीं कोलेस्ट्रॉल को भी कम कर सकता है और खून के संचरण को सुधार सकता है।
विदेशों में बढ़ रही डिमांड
सरल किसान वेबसाइट के लेख के हवाले से जिला कृषि अधिकारी डॉ. हरिकृष्ण मिश्रा ने बताया कि चार दर्जन से पच्चीस प्रोग्रेसिव किसान काला नमक धान की खेती कर रहे हैं। यह मूल रूप से तराई बेल्ट की फसल है, लेकिन अब सोनभद्र में भी किसान काला नमक धान की खेती कर रहे हैं। कृषि अधिकारी ने बताया कि इस चावल की मांग देश में और विदेशों में काफी है क्योंकि इसमें जिंक और आयरन की मात्रा अधिक है और इसका स्वाद और सुगंध बेमिसाल है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | शहर (cities News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें
Kolhapur: जीत के जश्न में घायल हुए विजयी विधायक, स्वागत आरती में गुलाल उड़ाने से लगी आग; देखें वीडियो
आज का मौसम, 24 November 2024 IMD Winter Weather Forecast LIVE: पहाड़ों से आ रही बर्फीली हवाएं बढ़ाएंगी ठंड, आज इन राज्यों में कोहरे-बारिश का अलर्ट
Live Aaj Mausam Ka AQI 24 November 2024 (आज की वायु गुणवत्ता): दिल्ली रहा सबसे प्रदूषित शहर, इन राज्यों पर भी छाया है पॉल्यूशन का पहरा
ज्वेलरी की दुकान पर ग्राहक बनकर आए लुटेरे, बंदूक के बल पर लूटे एक करोड़ के गहने, देखें CCTV वीडियो
Delhi Air Pollution: दिल्ली में सांसों पर संकट, जहरीली हवा से हाहाकार; AQI 400 पार
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited