कोटा में बच्चों के टूटे सपनों और टूटती उम्मीदों पर SP अमृता का मरहम, कही ये बात

देश की बड़ी-बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए देशभर से छात्रा राजस्थान के कोटा आते हैं। लेकिन कोटा जितना अपनी कोचिंग के लिए मशहूर है, उतना ही यहां छात्रों की आत्महत्या के लिए भी कुख्यात होता जा रहा है। ऐसे में छात्रों के लिए SP अमृत दुहन आगे आई हैं।

कोटा की एसपी अमृता दुहन

कॉम्पटीटिव एग्जाम्स की तैयारी के लिए कोटा जैसी कोई जगह नहीं है। एक समय कोटा सफलता की गारंटी माना जाता था। आज भी देशभर की तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी करने वाले छात्र यहां आकर पढ़ाई करते हैं। पैरेंट्स को भी लगता है कि कोटा से पढ़ाई कर ली तो उनका लाल या प्यारी बेटी कॉम्पटीशन टॉप कर लेंगे। उन्हें लगता है कि कोटा जाने का मतलब सफलता की गारंटी है। आस-पड़ोस, नाते-रिश्तेदार और दोस्त सभी की उम्मीदें कोटा जाकर पढ़ाई करने वाले छात्र से बढ़ जाती है। उम्मीदों के साथ बढ़ता है प्रेशर, जिसे मापने के लिए कोई मीटर आजतक नहीं बना।
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कभी माता-पिता की उम्मीदों का भार तो कभी पड़ोसी और रिश्तेदार क्या कहेंगे का दबाव... और इस पर कोचिंग सेंटर की तरफ से पढ़ाई की सख्ती, जब कोई बच्चा नहीं झेल पाता है तो उसे अपना भविष्य अंधकारमय लगता है। ऐसे छात्र अक्सर वो रास्ता चुन लेते हैं, जहां से वापसी का कोई रास्ता है ही नहीं। फिर माता-पिता, नाते-रिश्तेदार और टीचर सभी के पास पछतावे के अलावा कुछ नहीं रह जाता। घर से दूर रहकर कॉम्पटीशन की तैयारी कर रहे छात्रों को ऐसे समय में समर्थन और सहयोग की जरूरत होती है। जिसका आश्वासन कोटा की एसपी अमृता दुहन ने यहां पढ़ रहे छात्रों को दिया है।
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हाल ही में जईई मेंस का रिजल्ट आने के बाद भी कोटा में एक छात्र ने आत्महत्या कर ली थी। इससे पहले पिछले 2 महीनों में 4 छात्रों ने मौत को गले लगा लिया था। अक्सर कोटा से स्टूडेंट्स के सुसाइड की खबरें आती रहती हैं। हाल में एक छात्र के लापता होने की खबर भी आयी थी। कोटा की एसपी अमृता दुहन ने इस एजुकेशन सिटी का जायजा लिया। वह पैदल ही निकल पड़ीं और उन्होंने न सिर्फ यहां पढ़ने वाले छात्रों से बात की, बल्कि हॉस्टलों की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया।
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