Ayodhya Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान अयोध्या की निगरानी करेगा AI, सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या राममंदिर की सुरक्षा को लेकर इंतजाम कड़े किए गए हैं। इसके लिए अर्धसैनिक बल और अन्य बलों की तैनाती की जीएगी। इसके साथ अयोध्या राममंदिर की निगरानी के लिए AI का प्रयोग किया जाएगा।

अयोध्या राममंदिर की निगरानी करेगा AI

Ayodhya Ram Mandir: राममंदिर की सुरक्षा के लिए यूपी सरकार नई तकनीकों का प्रयोग करने के बारे में सोच रही है। सुरक्षा को कड़ा करने के लिए पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रयोग किया जाएगा। एआई के माध्यम से अयोध्या राममंदिर की निगरानी शुरू की जाएगी। जैसा की सभी जानते हैं कि अयोध्या राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी को आयोजित किया जा रहा है। उसके बाद से प्रभु श्रीराम के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने लगेगी। लंबे समय से राममंदिर जाकर रामलला के दर्शन करने का प्रतीक्षा कर रहे लोगों का इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है।

राममंदिर सुरक्षा के कड़े इंतजाम

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से राममंदिर की निगरानी पर बात करते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि "अयोध्या के लिए एआई निगरानी का पायलट प्रोजेक्ट शुरू होने की संभावना है। कुछ समय बाद, यदि संभव हुआ, तो इसे सुरक्षा और निगरानी अभ्यास का एक अभिन्न अंग बनाया जा सकता है।" इतना ही नहीं राममंदिर की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, आयोजित होने वाले रामलला के अभिषेक समारोह के लिए 11,000 राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किए जाने की संभावना है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस आयोजन में अर्धसैनिक बल और पीएसी की 26 कंपनियों के साथ-साथ लगभग 8,000 नागरिक पुलिसकर्मियों के शामिल होने की भी संभावना है। उन्होंने सुरक्षा को लेकर आगे बताया कि, यूपी एंटी टेरर स्क्वाड (एटीएस) और स्पेशल टास्क फोर्स टीमें और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड जैसी केंद्रीय एजेंसियां भी यहां तैनात की जाएंगी।

अधिकारी ने कहा राममंदिर को खतरा इतना अधिक है कि अयोध्या में सभी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने की जरूरत है। बता दें कि हाल ही में अयोध्या राममंदिर और प्रदेश के मुख्यमंत्री को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। इस बात को मद्देनजर रखते हुए राममंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। अधिकारी ने कहा कि एआई निगरानी बार-बार आने वाले आगंतुकों या लोगों के समूह द्वारा अपनाई जाने वाली किसी सामान्य प्रवृत्ति, या मंदिर परिसर के भीतर देखी गई किसी अन्य संदिग्ध प्रवृत्ति का पता लगाने में सहायक साबित होगी। इसके माध्यम से एक सुरक्षा अलर्ट स्वचालित रूप से जारी किया जाएगा, और सुरक्षा एजेंसियां आगे की कार्रवाई करने में सक्षम होंगी।

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