देश में युवाओं के रोजगार के सपने को साकार करने में सबसे आगे ये 5 'छोटे' शहर

रोजगार के लिए बड़े शहरों की ओर पलायन धीरे-धीरे बीते दौर की बात हो जाएगी। क्योंकि अब महानगरों के अलावा कुछ टीयर-2 शहर भी हैं, जो रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। अब रोजगार के सपने साकार करने के लिए लोग इन शहरों की तरफ देख रहे हैं।

छोटे शहरों में बढ़ रहे रोजगार के अवसर

अच्छी पढ़ाई करनी है तो बड़े शहर जाओ, अच्छा रोजगार चाहिए तो बड़े शहर जाओ, अच्छा बिजनेस करना है तो बड़े शहर जाओ। लेकिन अब जल्द ही यह सब बीते जमाने की बात होने वाली है। छोटे शहरों में भी अब शिक्षा और बिजनेस के अवसर बढ़ रहे हैं। रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में भी छोटे शहर अब बड़े शहरों को टक्कर देने लगे हैं। जल्द ही यह शहर बड़े-बड़े महानगरों को इस मामले में पछाड़ देंगे। जयपुर, कोयंबटूर जैसे दूसरी श्रेणी के शहरों में अब रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं। इन शहरों में बिजनेस के अवसर भी बढ़ रहे हैं। ऐसे पांच शहरों की पहचान हुई है, जो रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। चलिए जानते हैं -

एक प्रमुख रिक्रूटमेंट और HR सर्विस कंपनी टीमलीज की रिपोर्ट के अनुसार यह शहर अपनी नई प्रतिभा, कम परिचालन लागत और पोटेंशियल के साथ तमाम व्यवसायों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। यहां पर लॉजिस्टिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन और कृषि जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है। बेहतर बुनियादी ढांचे और वर्कफोर्स में बढ़ोतरी के कारण यह वृद्धि देखने को मिल रही है।

जैसे-जैसे टियर-2 शहर आगे बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे वह रोजगार सृजन के नए केंद्र के रूप में उभर रहे हैं। यह शहर छात्रों और पेशेवरों दोनों के लिए ही बड़े मेट्रो शहरों की भागदौड़ के बेहतर विकल्प के रूप में उभर रहे हैं। हालांकि, टीमलीज के अनुसार पुराने महानगरों ने जॉब क्रिएशन के मामले में अपना वर्चस्व अभी खोया नहीं है। इसमें सबसे आगे 53.1 फीसद के साथ बेंगलुरू नंबर 1 पर है। जबकि 50.2 फीसद के साथ मुंबई 2 नंबर पर और उसके बाद 48.2 फीसद के साथ हैदराबाद का नंबर आता है।

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