2036 में ओलिंपिक की मेजबानी मिली तो दिल्ली-अहमदाबाद-मुंबई को पछाड़कर ये शहर बन सकता है होस्ट
भारत ने 2036 के ओलिंपिक खेलों की मेजबानी के लिए आवेदन किया है। अगर भारत को मेजबानी मिलती है तो दिल्ली, अहमदाबाद और मुंबई जैसे शहरों को पछाड़कर उत्तर प्रदेश का यह शहर मेजबान बन सकता है। इसकी संभावनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ऐसा होने यहां विकास की एक नई लहर देखने को मिलेगी।
ये शहर हो सकता है ओलिंपिक 2036 का होस्ट
भारत ने साल 2036 में ओलिंपिक कराने की इच्छा जताई है। इसके लिए आधिकारिक चिट्ठी भी अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक कमेटी (IOC) को सौंप दी गई है। अब देखना होगा कि भारत को ओलिंपिक 2036 की मेजबानी मिल पाती है या नहीं। अगर सब कुछ ठीक रहा और भारत को ओलिंपिक की मेजबानी मिल गई तो दूसरा प्रश्न ये होगा कि किस शहर में ओलिपिंक का आयोजन होगा? इसमें दिल्ली का नाम सामने आ रहा है, जिसे एशियन गेम्स (Asian Games) और कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) कराने का अनुभव है। इसके अलावा देश की आर्थिक राजधानी मुंबई और गुजरात के प्रमुख शहर अहमदाबाद का भी नाम लिया जा रहा था। लेकिन इन सब नामों के बीच एक और नाम है, जो बाजी मार सकता है। वह नाम है ताजनगरी आगरा। चलिए जानते हैं -
आगरा भारत में टूरिज्म का हब है और देश में सबसे ज्यादा पर्यटक ताजमहल देखने ही आते हैं। हालांकि, अभी भारत को 2036 ओलिंपिंक की मेजबानी दिए जाने का फैसला नहीं हुआ है। लेकिन अगर ऐसा होता है तो इस सिटीज की रेस में आगरा बाजी मार सकता है। यानी 2036 में भारत में ओलिंपिक खेलों का आयोजन हुआ तो ताजनगरी आगर स्वैग के साथ दुनियाभर के एथलीटों का स्वागत कर सकती है।
पेरिस ओलिंपिंक के दौरान ही भारत ने ओलिंपिक खेलों की आयोजन की इच्छा जताई थी। अक्टूबर 2024 में IOC को यह जानकारी दी गई। अगर भारत को मेजबानी मिलती है तो देश में कई ऐसे शहर हैं, जो इन खेलों की सफलतापूर्वक होस्टिंग कर सकते हैं। इसमें अहमदाबाद का नाम लिया जा सकता है, जहां पर 1.32 लाख की दर्शक क्षमता वाला नरेंद्र मोदी स्टेडियम मौजूद है। मुंबई की दावेदारी भी इन खेलों के आयोजन के लिए किसी से कम नहीं है। जबकि दिल्ली के पास बड़े खेल आयोजनों का अनुभव अच्छा है।
अब देखने को मिल रहा है कि दिल्ली-एनसीआर और आगरा इस रेस में आगे निकल रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर और आगरा के इस रेस में आगे निकलने की कई वजहें हैं। एक तो दिल्ली देश की राजधानी है और यहां पर कनेक्टिविटी की कोई समस्या नहीं है। यहां पर इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरोपोर्ट जैसा विश्वस्तरीय हवाई अड्डा है और ग्रेटर नोएडा के जेवर में देश का सबसे बड़ा नोएडा इंटरनेशल एयरपोर्ट भी बन रहा है, जहां पर साल 2025 में उड़ानें शुरू हो जाएंगी। दिल्ली-एनसीआर और आगरा में अगर इन खेलों का आयोजन होता है तो भारत की सांस्कृति विरासत की निशानी ताजमहल यहां है और यह ओलिंपिक खेलों के लिए भारत का शानदार प्रतीक हो सकता है।
भारत में ओलिंपिंक खेलों के लिए ताजमहल उसी तरह से एक प्रमुख निशानी बन सकता है, जैसे रियो ओलिंपिक में क्राइस्ट द रेडीमर और पेरिस ओलिंपिक के लिए एफिल टावर। ओलिंपिक खेलों की सफल बोली में इन दोनों शहरों की इन निशानियों ने अहम भूमिका निभाई और माना जा रहा है कि यही भूमिका ताजमहल भारत को ओलिंपिक की मेजबानी दिलाने में निभा सकता है।
मार्च 2024 में IOC के प्रेसिडेंट के लिए चुनाव होने हैं और इससे पहले IOC की तरफ से ओलिंपिक 2036 की मेजबानी को लेकर कोई फैसला नहीं लिया जाएगा। हालांकि, IOC के मौजूदा प्रमुख थॉमस बाक (Thomas Bach) ने ओलिंपिक खेलों की मेजबानी की भारत की इच्छा का खुलकर समर्थन किया है। सही मूल्यांकन के बाद ही किसी भी देश को ओलिंपिक खेलों की मेजबानी सौंपी जाती है। इसमें बुनियादी ढांचा, वित्तीय स्थिरता के साथ ही IOC के सस्टेनेब्लिटी पर केंद्रित 'द न्यू नॉर्म' रिफॉर्म के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की ओलिंपिक मेजबानी के लिए लगातार कैंपेन कर रहे हैं। साल 2023 में मुंबई में आयोजित हुई IOC की 141वीं वैठक में भारत ने ओलिंपिक आयोजित करने की इच्छा जतायी थी। इसके बाद से पीएम मोदी कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की ओलिंपिक की मेजबानी के संबंध में बोल चुके हैं। इसमें पेरिस ओलिंपिक खेल भी शामिल हैं और अपनी न्यूयॉर्क यात्रा के दौरान उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों के बीच भी यह इच्छा दोहरायी थी।
पेरिस ओलिंपिक के समय भारतीय ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) के अधिकारियों ने नीता अंबानी के साथ IOC के अधिकारियों के साथ बैक चैनल बातचीत शुरू की थी।
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खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्...और देखें
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