इतिहास रचने जा रहा यह शहर, जल्द बनेगा 100 फीसद सीवेज ट्रीटमेंट वाला इकलौता शहर

देश के तमाम शहरों में स्वच्छता के लिए होड़ लगी हुई है। इंदौर लगातार स्वच्छता के नए मानदंड स्थापित करता रहा है, लेकिन अब हैदराबाद 100 फीसद सीवेज ट्रीटमेंट वाला शहर बन सकता है। इसके लिए बड़ा प्लान तैयार किया गया है और इस साल के अंत तक इसमें सफलता मिल सकती है।

STP से 100 फीसद पानी होगा साफ

बड़े-बड़े शहरों की सबसे बड़ी समस्याओं का जिक्र करें तो उसमें नालियों और सीवर के पानी की दिक्कत सबसे ऊपर होगी। शहरों की सीवर में लाखों गैलन पानी यूं ही बह जाता है और नदियों और समुद्र को भी प्रदूषित करता है। इस समस्या का उपाय सीवेज ट्रीटमेंट है। सीवेज ट्रीटमेंट के जरिए सीवर के पानी को साफ करके, उपयोग में लाया जाता है और इससे नदियों में प्रदूषण भी नहीं होता। देश और दुनिया के तमाम शहरों में सीवेज ट्रीटमेंट को जल प्रदूषण से मुक्ति के एक उपाय के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन देश में अब तक कोई भी शहर ऐसा नहीं है, जो 100 फीसद सीवेज ट्रीटमेंट करता हो। लेकिन अब एक शहर इस उपलब्धि को हासिल करने के करीब पहुंच गया है। चलिए जानते हैं -

हैदराबाद रचेगा इतिहासतेलंगाना की राजधानी हैदराबाद को साइबर सिटी भी कहा जाता है। लेकिन अब यह शहर किसी और चीज के लिए अपनी पहचान बनाने जा रहा है। शहर में चार नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) बनकर लगभग तैयार हैं। नागोल, खजाकुंटा, फतेनगर और वेन्नेलगड्डा में यह ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जा रहे हैं। यह चारों STP में इसी महीने के अंत तक ट्रायल शुरू हो जाएगा। इन चार के अलावा चार और STP नल्लागंडला, मुल्लकठुवा चेरुवु, शिवालय नगर और पलापित्ता पार्क में बन रहे हैं, जो इसी साल अगस्त तक तैयार हो जाएंगे।

31 STP से 100 फीसद ट्रीटमेंटशहर में बन रहे 31 STP का कार्य पूरा हो जाने के बाद हैदराबाद देश का पहला ऐसा शहर बन जाएगा जहां पर 100 फीसद सीवेज ट्रीटमेंट होगा। बात करें पूरे देश की तो अभी देश में एक भी शहर ऐसा नहीं है, जिसमें 40 फीसद फी सीवेज वाटर ट्रीटमेंट होता हो। हैदराबाद में बन रहे 31 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में से 7 पहले ही तैयार हो चुके हैं और पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं। यह सातों ट्रीटमेंट प्लांट दुर्गम चेरुवु, कोकापेट, मिरालम साइट-I, पेड्डा चेरुवु, नल्ला चेरुवु-1, मियापुर-पटेलचेरुवु और सफिलगुड़ा में हैं।

नए ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमतानए ट्रीटमेंट प्लांट जो जिनमें इसी महीने ट्रायल शुरू होना है, उनमें से नगोल ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 320 मिलियन लीटर पर डे (MLD) है। इसी तरह खजाकुंटा की क्षमता 20 MLD, फतेनगर-1 में 133 MLD और वेन्नेलगड्डा की क्षमता 10 MLD की है। इन ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता जोड़कर शहर में 1259 MLD सीवेज ट्रीटमेंट हो जाएगा। शहर में हर दिन करीब 2000 MLD सीवेज वाटर निकलता है, जिसे 100 फीसद साफ करने के लिए 3866 करोड़ की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जा रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस साल के अंत तक हैदराबाद पहला शहर बन जाएगा जो 100 परसेंट सीवेज ट्रीटमेंट करेगा।

सरकार ने शहर में नल्लागंडला (7 MLD), मुल्लकंठुवा चेरुवु (25 MLD), शिवालय नगर (14 MLD) और पलापित्ता पार्क (5 MLD) ट्रीटमेंट प्लांट का काम इस साल अगस्त तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है, जबकि अत्तापुर-1 (64 MLD), रामाचेरुवु (30 MLD) और रेनबो विस्टा (43 MLD) अक्टूबर 2024 तक बनकर तैयार हो जाएंगे। इनके अलावा अत्तापुर-2, (40 MLD) और अंबरपेट (221.5 MLD) ट्रीटमेंट प्लांट इस साल दिसंबर तक बन जाएंगे।

AMRUT के अंतर्गत 39 नए STPमूसी नदी को पुनर्जीवित करने और पर्यावरण के अनुकूल क्षेत्र विकसित करने के प्रयास के तहत जल बोर्ड ने अमृत 2.0 ट्रैंच-III के तहत 39 STP का निर्माण शुरू किया है। केंद्र सरकार ने 3849 करोड़ रुपये की सीवरेज परियोजना को मंजूरी दी है, जिसमें 645 करोड़ रुपये केंद्रीय सहायता के रूप में दी जाएगी। अमीनपुर 28 MLD, तेल्लापुर 31 MLD, ICRISAT 24.50 MLD, उस्केबावी 100 MLD और अन्य सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बन जाने से शहरी वेस्ट वाटर मैनेजमेंट के मामले में हैदराबाद इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा लेगा।

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