एक-दो नहीं आपके पूरे सात घंटे बचाएगा ये एक्सप्रेसवे, खूबसूरत नजारों और वादियों के बीच होगा सुहाना सफर
देश में बन रहे एक्सप्रेसवे के जरिए विकास का पहिया घूम रहा है। लगातार बन रहे एक्सप्रेसवे जहां दूरियों को कम कर रहे हैं, वहीं उन क्षेत्रों के विकास में भी भूमिका निभा रहे हैं, जहां से वह गुजरते हैं। देश में ऐसा ही एक और एक्सप्रेसवे बन रहा है, जो दो शहरों की दूरी को 7 घंटे तक कम कर देगा।
दो आईटी हब को जोड़ेगा ये एक्सप्रेसवे
देश में सड़कों, हाईवे (National Highways) और एक्सप्रेसवे (Expressways) का जाल बिछ रहा है। भारतमाला प्रोजेक्ट (Bharatmala Project) के तहत देशभर में शानदार सड़कें बनाई जा रही हैं। हाईवे और एक्सप्रेसवे पर यात्रियों की सुविधा के लिए तमाम तरह की सुविधाओं को भी डेवलप किया जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे और हाईवे जिस भी शहर, जिला, गांव या कस्बे से गुजरते हैं, वहां का कायाकल्प भी हो जाता है। खूबसूरत लैंडस्केप इन हाईवे और एक्सप्रेसवे की खूबियों में शामिल हैं। ऐसा ही एक एक्सप्रेसवे और बन रहा है, जिस पर सफर करते हुए आप खूबसूरत नजारों के साथ वादियों का भी लुत्फ ले पाएंगे। यहां आपको बता दें कि यह न तो दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) है, न ही दिल्ली-देहरादून (Delhi-Dehradun Expressway), या गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) है और न ही मुंबई नागपुर एक्सप्रेसवे (Mumbai-Nagpur Expressway) है। बल्कि यहां बात हो रही है मुंबई-पुणे-बेंगलुरू एक्सप्रेसवे (Pune-Bengaluru Expressway) की। इस हाईवे के सफर में आपके 7 घंटे का समय भी बचेगा।
6 लेन एक्सप्रेसवे से जुड़ेंगे पुणे और बेंगलुरूभारतमाला प्रोजेक्ट के जरिए देश में सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर (Road Infrastructure) को मजबूती देना और उनकी गुणवत्ता सुधारना मकसद है। भारत माला प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में भारत सरकार पूर्व का ऑक्सफॉर्ड (Oxford of East) कहे जाने वाले पुणे (Pune) को सिलिकन वैली ऑफ इंडिया (Silicon Valley of India) नाम से मशहूर बेंगलुरू (Bengaluru) को जोड़ रही है। इन दोनों शहरों को 6-8 लेन एक्सप्रेसवे से जोड़ा जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 48 के साथ-साथ चलेगा।
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सिर्फ 7 घंटे में पुणे से बेंगलुरूआज के हालात ऐसे हैं कि अगर आप मुंबई से बेंगलुरू (Mumbai To Bengaluru) तक अपनी कार से जाना चाहें तो आपको लगातार 18-19 घंटे ड्राइव करनी पड़ेगी। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई और बेंगलुरू के बीच लगने वाला यह समय किसी को भी चुभ सकता है। पुणे से बेंगलुरू के बीच सफर में भी 15-16 घंटे का समय लग जाता है। एक बार यह नया मुंबई-पुणे-बेंगलुरू एक्सप्रेसवे (Mumbai-Pune-Bengaluru Expressway) बन जाएगा तो बेंगलुरू से पुणे की दूरी सिर्फ 7-8 घंटे की रह जाएगी। इसके बाद मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे (Mumbai-Pune Expressway) से मुंबई की दूरी भी करीब 2 घंटे की ही रह जाती है।
एक्सेस कंट्रोल ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवेकेंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने पुणे-बेंगलुरू एक्सप्रेसवे को 2019 में ही मंजूरी दे दी थी। करीब 700 किमी लंबे इस एक्सप्रेसवे को 6 लेन का बनाया जा रहा है, जिसे भविष्य में 8 लेन का भी किया जा सकता है। इस एक्सप्रेसवे की एक और खासियत यह होगी कि यह एक्सेस कंट्रोल ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे (Access Control Green Field Expressway) होगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी (NHAI) इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रही है।
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120 की रफ्तार से चलेंगी गाड़ियांइस पूरे रोड प्रोजेक्ट को इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि इस पर गाड़ियां आसानी से 120 किमी की रफ्तार से फर्राटा भर सकें। यही पुणे-बेंगलुरू एक्सप्रेसवे बनने से पुणे और बेंगलुरू के बीच की दूरी भी 140 किमी कम हो जाएगी। एस एक्सेस कंट्रोल ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के बनने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे पुणे और बेंगलुरू के बीच लगने वाला समय 7 घंटे तक कम हो जाएगा।
इस एक्सप्रेसवे पर हवाई जहाज भी उतरेंगेयह तो आप जानते ही हैं कि पुणे और बेंगलुरू दोनों ही आज IT हब हैं। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से दोनों आईटी सिटी के बीच आवाजाही आसान होगी और कनेक्टिविटी फास्ट हो जाएगी। पुणे-बेंगलुरू एक्सप्रेसवे पर दो इमरजेंसी एयरस्ट्रिप (Emergency Air Strip) भी होंगे और यह 22 अलग-अलग जगहों पर अन्य सड़कों और हाईवे से जुड़ेगा। इसमें 6 रोड ओवरब्रिज और 55 फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। इस एक्सप्रेसवे पर बाढ़ का भी कोई असर नहीं पड़ेगा और इसकी चौड़ाई 100 मीटर तक होगी।
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इन जिलों को होगा फायदाफिलहाल इस एक्सप्रेसवे का करीब 80 किमी काम पूरा हुआ है और इसका आगे का काम अभी जारी है। इस एक्सप्रेसवे का काम साल 2028 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में 40-50 हजार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इस एक्सप्रेसवे के बनने से मुंबई, पुणे और बेंगलुरू के अलावा महाराष्ट्र में सतारा और सांगली जिले और कर्नाटक में बेलगावी, बगलकोट, गडग, कोप्पल और विजयनगर को फायदा होगा।
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