Ujjain News: महामंडलेश्वर मंदाकिनी ने जहर पीकर जान देने की कोशिश की, अस्पताल में भर्ती

उज्जैन में निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर मंदाकनी ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या का प्रयास किया। इसके बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन पर महामंडलेश्वर की उपाधि दिलाने के नाम पर साढ़े सात लाख की ठगी का गंभीर आरोप लगा है। जिसके बाद अखाड़ा परिषद ने उन्हें निष्कासित कर दिया है।

महामंडलेश्वर मंदाकनी

मुख्य बातें
  • महामंडलेश्वर मंदाकनी को अखाड़ा परिषद ने निष्कासित कर दिया है
  • ठगी और गलत आचरण की शिकायतों के बाद मंदाकनी पर की गई कार्रवाई
  • किसी भी धार्मिक कार्यक्रम, कथा भंडारे आदि में मंदाकिनी पुरी को आमंत्रित नहीं किया जाएगा

उज्जैन : मध्य प्रदेश के उज्जैन में निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर मंदाकनी के कीटनाशक पीकर जान देने के प्रयास की खबर से हड़कंप मच गया है। महामंडलेश्वर मंदाकनी को गंभीर अवस्था में उनके अनुयायी और शिष्य उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जंहा उनका इलाज किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि उन पर श्री पंचायती अखाड़े के महामंडलेश्वर की उपाधि दिलाने के नाम पर 7 लाख, 50 हजार रुपये लेने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस संबंध में उनपर FIR भी दर्ज की गई है, जिससे आहत होकर महामंडलेश्वर मंदाकिनी ने यह खौफनाक कदम उठाया। आरोप लगने के बाद मंदाकनी ने अपने आश्रम में जाकर कीटनाशक पी लिया। महामंडलेश्वर मंदाकनी ने तीन लोगों पर मानसिक प्रताड़ना और साजिश रचने के आरोप भी लगाया है।

दरअसल महामंडलेश्वर मंदाकनी पर महंत सुरेश्वरानंद पुरी महाराज ने 7 लाख, 50 हजार रुपये की धोखधड़ी का आरोप लगाते हुए, सोमवार देर रात चिमनगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता जोशी ने उन्हें श्रीपंचायती निरंजनी अखाड़े में महामंडलेश्वर की उपाधि दिलवाने का लालच देकर उनके साथ ठगी की है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। इसके बाद मंदाकनी अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज से मिलने गई थीं, लेकिन पूजा में होने के कारण वह नहीं मिले। इसके बाद महामंडलेश्वर मंदाकिनी ने कीटनाशक पी लिया। फिलहाल वह उज्जैन के जिला अस्पताल में इलाज करवा रही हैं।

चिमनगंज थाने में धोखाधड़ी की FIRआरोप है कि महंत सुरेश्वरानंद ने उपाधि ना मिलने पर महामंडलेश्वर मंदाकनी से अपने रुपये वापस मांगे तो महामंडलेश्वर मंदाकिनी ने रुपये वापस देने से इनकार कर दिया था। महंत सुरेश्वरनंद ने देर रात को 7 लाख, 50 हजार रुपये की धोखधड़ी के संबंध में चिमनगंज थाने में एफआईआर दर्ज करवाई। आरोप से आहत होकर सुबह करीब 11 बजे महामंडलेश्वर मंदाकिनी ने कीटनाशक पीकर जान देने का प्रयास किया।

यज्ञ और कन्यादान पर खर्च हुए रुपयेपुलिस को महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी ने बताया की सुरेश्वरानंद ने कन्यादान और यज्ञ में दान के रूप में 7.50 लाख रुपये मुझे 14 से 19 अप्रैल के बीच हुए दिए थे। यह राशि यज्ञ और 51 बेटियों के कन्यादान में खर्च की गई। इसके बाद सुरेश्वरानंद मुझ पर महामंडलेश्वर की उपाधि दिलाने के नाम पर दबाव बनाने लगा। ‌तब मैंने उन्हें मना कर दिया कि इस प्रकार से कोई उपाधि नहीं मिलती है। इसके बाद वह मुझे ब्लैकमेल कर धमकाने लगा।

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