UP: वोटिंग में पिछड़े शहरी मतदाता, महिलाओं की भागीदारी भी कम; अब चुनाव आयोग ने बनाया प्लान

UP: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर दिल्ली में एक बैठक हुई थी। इस बैठक का मुख्य मुद्दे उत्तर प्रदेश में मतदान प्रतिशत बढ़ाना है। वर्ष 2019 में शहरी इलाके मतदान में सबसे पीछे रहे हैं। दूसरी तरफ महिलाओं की भागीदारी भी कम रही थी। इस बार शहरी इलाकों में मतदान और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग द्वारा कई पहल की जा रही है।

Loksabha Election 2024

वोटिंग में पिछड़े शहरी मतदाता, महिलाओं की भागीदारी भी कम

UP: लोकसभा चुनाव 2024 में अब अधिक समय बाकी नहीं रह गया है। वर्ष 2019 की लोकसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या की बात करें तो पूरे देश में कुल 67.40 प्रतिशत लोगों ने ही वोट किया था। वहीं उत्तर प्रदेश में ये आकेंडे और हैरान करने वाले हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश के कुल 59.21 प्रतिशत लोग ने वोट किया था। उत्तर प्रदेश में मतदान प्रतिशत के कम होने पर भारतीय निर्वाचन आयोग ने चिंता जाहिर की है। जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में दिल्ली में निर्वाचन आयोग की बैठक में उत्तर प्रदेश में मतदान प्रतिशत मुख्य मुद्दा रहा है। इसे बढ़ाने के लिए योजना बना जा रही है।

उत्तर प्रदेश में मतदान प्रतिशत न बढ़ने की वजह

बैठक के दौरान हुई चर्चा में कई निष्कर्ष निकाले गए हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश में कम मतदान का मुख्य कारण मतदाताओं की उदासीनता, माइग्रेशन और शहरी क्षेत्रों में वोटर्स का घर से न निकलना है। इतना ही नहीं बताया जा रहा है कि कई क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहां महिलाओं की भागीदारी कम हुई है। वोटिंग ट्रेंड से पता लगा कि करीब 144 विधानसभा क्षेत्रों में माइग्रेशन कम वोटिंग का बड़ा कारण है। 143 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की उदासीनता कम वोटिंग का कारण बनी। वहीं 39 विधानसभा क्षेत्रों में शहरी मतदाओं का वोट के लिए घर से बाहर न निकलना वोटिंग की कमी बड़ा कारण बना।

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महिलाओं की भागीदारी में आई कमी

निर्वाचन आयोग के वोटर्स ट्रेंड्स के अनुसार, कई ऐसे इलाके हैं जहां पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की भागीदारी कम नजर आई। अगर बात करें दक्षिण वाराणसी की तो यहां पुरुष और महिलाओं के मतदान में 10 प्रतिशत का अंतर था। लखीमपुर खीरी जिले के में 11 प्रतिशत का अंतर था।

इन इलाकों में हुई 50 प्रतिशत से कम वोटिंग

मिली जानकारी के अनुसार, यूपी के कई इलाके ऐसे हैं जहां 50 प्रतिशत से भी कम लोगों ने वोट दिए हैं। इसमें उत्तर और दक्षिण प्रयागराज, आर्य नगर, बलरामपुर, बैरिया, अतरौली, ओबरा, इटावा, तुलसीपुर, कानपुर कैंट, साहिबाबाद, गैसड़ी, डुमरियागंज शामिल है।

इन क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी रही सबसे कम

यूपी के धौरहरा, वाराणसी कैंट, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी उत्तर, आगरा दक्षिण, आगरा ग्रामीण, आगरा कैंट मेरठ, मोहनलालगंज, आर्य नगर, बाराबंकी, श्रीनगर, मुरादाबाद नगर, हरगांव, अलीगढ़, करहल, प्रयागराज पश्चिम, प्रयागराज दक्षिण, बिठूर, लखीमपुर, फिरोजाबाद, मुरादाबाद ग्रामीण, अकबरपुर, जसवंत नगर आदि में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों की तुलना में 5 प्रतिशत कम रही।

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इन क्षेत्रों में मतदान उदासीनता बनी कारण

यूपी के लखनऊ उत्तर, लखनऊ कैंट, लखनऊ पूर्व, सहारनपुर नगर, मुजफ्फरनगर, संभल, रामपुर, मेरठ कैंट, मेरठ दक्षिण, नोएडा, लोनी, हाथरस, मथुरा, आगरा उत्तर, बरेली, पीलीभीत, कटरा, साहिबाबाद, बरेली कैंट, गोरखपुर, गोंडा, जौनपुर झांसी नगर, गोविंद नगर, मिर्जापुर, प्रयागराज उत्तर, महाराजपुर, कल्याणपुर, फर्रुखाबाद, सरोजिनी नगर, कानपुर कैंट, सीतापुर, दादरी, कोइल आदि में मतदाता उदासीनता बनी कम वोटिंग की वजह।

मतदान बढ़ाने की चुनाव आयोग की पहल

➱ आवास विकास विभाग के सहयोग से रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और सहकारी आवास समितियों के प्रतिनिधियों से संपर्क कर मतदान बढ़ाने के लिए मतदाताओं के बीच जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

➱ हर गांव में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का प्रयास करेंगी।

➱ गैस एजेंसियों, पेट्रोल पंप और राशन की दुकानों के माध्यम से मतदाताओं को जागरूक किया जाएगा।

➱ रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट आदि स्थानों पर अनाउंसमेंट व स्क्रीन के जरिए ऑडियो और वीडियो मैसेज दिया जाएगा। ताकि मतदाताओं को वोटिंग के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

➱ स्कूल के छात्रों की सहायता से अभिभावकों के संकल्प पत्र भरवाए जाएंगे।

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varsha kushwaha author

वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। वह इंफ्रा, डे...और देखें

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