Uttar Pradesh: खतना के दौरान मासूम की मौत, यूपी के बरेली की घटना

Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के बरेली से एक अजीबो-गरीब घटना सामने आई है। जहां, खतना के दौरान मासूम की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि इस घटना की वजह नाई की लापरवाही है। फिलहाल पुलिस ने रफीक अहमद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। जानें पूरा माजरा।

Child Death

प्रतीकात्मक तस्वीर।

Bareilly News: यूपी के बरेली जिले के थाना पूर्वी फतेहगंज से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। नाई की लापरवाही के कारण एक मासूम बच्चे की जान चली गई। डेढ़ महीने का मासूम खतना के समय सबको अलविदा कह गया। शिवपुरी गांव निवासी रफीक ने बताया कि उसने अपने डेढ़ माह के नाती का खतना कराने के लिए टिसुआ से कबीर नाई को बुलाया था। खतना के दौरान गलत नस कट गई और खून बहने लगा। परिजन उसे फरीदपुर के एक निजी अस्पताल में ले गए, लेकिन खून बहना बंद नहीं हुआ और उसकी मौत हो गई।

आरोपियों की गिरफ्तारी की कोशिश जारी

इस मामले में पुलिस अधिकारी ने बताया कि 12 अगस्त को रफीक अहमद ने थाना पूर्वी फतेहगंज में मुकदमा दर्ज कराया था। मामले में धारा 105 बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मृतक बच्चे का पोस्टमार्टम कराया गया है। मामले में विधिक कार्रवाई की जा रही है। आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि परिवार ने आरोप लगाया है कि कबीर नामक व्यक्ति द्वारा बच्चे का खतना करने के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव हुआ और अस्पताल ले जाते समय बच्चे की मौत हो गई।

खतना के मुद्दे पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

इस मुद्दे पर शिशु रोग विशेषज्ञ कहते हैं कि हर समाज की अपने सामाजिक रीति-रिवाज होती है। उसका पालन करना चाहिए, लेकिन इसके लिए किसी विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए। ऑपरेशन किसी सर्जन से ही करवाना चाहिए। किसी बाहरी व्यक्ति से नहीं करवाना चाहिए। खतना एक सर्जिकल प्रक्रिया है, इसमें ऑक्सीजन दी जाती है। इसमें सेप्सिस और ब्लीडिंग का खतरा रहता है। कुछ अन्य जटिलताएं भी हो सकती हैं। ऐसे में अगर खतने में कोई दिक्कत आती है, तो विशेषज्ञ ही उसका इलाज करते हैं।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | शहर (cities News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited