संस्कृति का वाहक है एटा का गुरुकुल, तुलसीदास, अमीर खुसरो और ब्रजभाषा है यहां की पहचान

उत्तर प्रदेश का एटा शहर कई मायनों में खास है। यहीं कवि तुलसी दास गोस्वामी और संगीतकार अमीर खुसरो जन्म हुआ था। एटा में ही वो गांव है, जहां भगवान कृष्ण और रुक्मिणी का विवाह हुआ था। एटा की कपूरकंद मिठाई के लोग दीवाने हैं। आइए आज एटा से जुड़ी खास बातें जानतें हैं-

संस्कृति का वाहक है एटा का गुरुकुल

उत्तर प्रदेश का एटा शहर कई मायनों में खास है। आगरा से केवल 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस जगह पर कई खास टूरिस्ट स्पॉट हैं। ये जिला 1857 की क्रांति का केंद्र भी रहा है। प्राचीन काल में एटा को आंठ कहा जाता था। यहां कैलाश मंदिर, अवागढ़ किला और पथवारी मंदिर जैसे कई ऐतिहासिक जगहें हैं। यहा कुल 892 गांव हैं। जनगणना 2011 के अनुसार यहां की की जनसंख्या 1,761,152 है। यहां के लोग आज भी ब्रजभाषा बोलते हैं। एटा में ही कवि तुलसी दास गोस्वामी और संगीतकार अमीर खुसरो जन्म हुआ था। एटा में ही वो गांव है, जहां भगवान कृष्ण और रुक्मिणी के विवाह हुआ था।

एटा का पुराना नाम

पुराने समय में एटा का नाम ऐंठा था। एटा को यह ऐंठा नाम अवागढ़ के राजा से मिला था। इस नाम को लेकर लोगों का ऐसा मानना है कि एक दिन अवागढ़ के शासक शिकार करने जंगल गए थे। जहां उन्होंने देखा कि एक लोमड़ी दो कुत्तों का शिकार कर रही है। जिसे देखकर राजा ने इस जगह का नाम ऐंठा रखने का फैसला लिया। लेकिन, धीरे-धीरे यह नाम बदलकर एटा कहलाने लगा। ऐसा भी माना जाता है कि इसका पुराना नाम आंथा था।

एटा की शख्सियत

एटा में कई ऐतिहासिक स्थल जगहें हैं, जिनमें मंदिर, अवागढ़ किला और एटा का गुरुकुल शामिल हैं। यहां गुरुकुल विद्यालय सदियों पुराना बोर्डिंग स्कूल है,जो काफी मशहूर है। एटा में एक किला है, जिसमें एक प्राचीन मस्जिद भी है। इसमें पुराने पत्थर के शिलालेख हैं, जो मामलुक सल्तनत के समय का है। आपको बता दें कि प्रसिद्ध गीतकार, बुद्धिजीवी और संगीतकार अमीर खुसरो एटा से ही थे। यहीं अवागढ़ के राजा बलवंत सिंह का घर है, जो इस जगह को खास पहचान दिलाता है। उन्होंने ही आगरा के बलवंत सिंह कॉलेज के लिए जमीन दी और इसकी स्थापना की थी। इतना ही नहीं, राजा बलवंत सिंह ने पश्चिम बंगाल के बीरभूम में शांतिनिकेतन की स्थापना में नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर की भी मदद की थी।

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