Uttarakhand Bhu Kanoon: भू कानून की मांग को लेकर देहरादून परेड ग्राउंड में महारैली का आयोजन, क्या है संघर्ष समिति की प्रमुख मांगे

Uttarakhand Bhu Kanoon: उत्तराखंड में भू कानून को लेकर लंबे समय से मांग उठ रही है। इसी को आगे बढ़ाते हुए संघर्ष समिति ने देहरादून परेड ग्राउंड में महारैली का आयोजन किया है।

Uttarakhand Bhu Kanoon People Demand Land Law in State Maharally organized at Dehradun Parade Ground

भू कानून की मांग को लेकर देहरादून परेड ग्राउंड में महारैली का आयोजन

Uttarakhand Bhu Kanoon: लंबे समय से उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून की मांग की जा रही है। इस मांग को आगे बढ़ाते हुए उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में स्थित परेड ग्राउंड में महारैली का आयोजन किया जा रहा है। इसमें बड़े पैमाने पर राजनीतिक संगठन भी हिस्सा लेने वाले हैं। जानकारी के लिए बता दें कि उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून न होने के कारण लोग में गुस्सा भरा हुआ है।

दरअसल, वर्ष 2000 में उत्तराखंड का गठन एक अलग राज्य के तौर पर किया गया था। उस दौरान भू कानून में कई बदलाव किए गए थे। आने वाले समय में विकास और उद्योग का हवाले देत हुए राज्य में भूमि खरीदने की प्रक्रिया को लोगों के लिए आसान बनाया गया था। लोगों में अब इस बात का गुस्सा भर रहा है कि अन्य राज्य से लोग यहां आकर बड़े पैमाने पर भूमि खरीद रहे हैं। यहां के मूल निवासी भूमिहिन होते जा रहे हैं। बड़े पैमाने पर खरीदी जाने वाली जमीन पर हो रहे कंस्ट्रक्शन के कारण यहां की जमीन को प्रकृति को अधिक नुकसान हो रहा है। अपनी संस्कृति और परंपरा को बचाने के लिए लोगों ने सशक्त भू कानून की मांग शुरू कर दी है। अपनी इसी मांग को सरकार के सामने रखने के लिए महारैली का आयोजन किया जा रहा है।

महारैली पर समिति के विचार

भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी के अनुसार, भू-कानून की ये लड़ाई उत्तराखंड की जनता के अधिकारों की लड़ाई है। आगे बात करते हुए उन्होंने बताया कि इस रैली को रोकने का अनुरोध करने के लिए संघर्ष समिति के कई लोगों से सरकार ने संपर्क साधने की कोशिश भी की है। इसके साथ ही आपको बता दें कि ये रैली परेड ग्राउंड से निकलकर कचहरी के पास स्थित शहीद स्मारक से होते हुए आगे बढ़ेगी। इस स्थान पर सभा आयोजन किया जाएगा, जिसके बाद रैली समाप्त होगी।

क्या है संघर्ष समिति की मांग

संघर्ष समिति ने अपनी मांगों पर बात करते हुए प्रमुख मांगों के बारे में बताया, जो इस प्रकार है -

- शहर में 250 मीटर भूमि खरीदने की सीमा के नियम को लागू किया जाए।

- ठोस भू-कानून को लागू किया जाए।

- राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि की ब्रिकी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।

- गैर कृषकों द्वारा कृषि भूमि की खरीद पर रोक लगाया जाए।

- गैर पर्वतीय मूल निवासियों के भूमि खरीदने पर फिलहाल के लिए रोक लगाई जाए।

- राज्य के गठन के बाद से अब तक सरकार द्वारा व्यक्तियों, संस्थानों और कंपनियों को लीज पर या दान में दी गई जमीन का ब्योरा सार्वजनिक किया जाए।

- यहां बने उद्यमों में 80 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को दिया जाना चाहिए। सरकार ये सुनिश्चित करें।

- पर्वतीय क्षेत्र में शुरू होने वाले उद्योग, परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण या फिर खरीदने की अनिवार्यता में स्थानीय निवासियों और जिले के मूल निवासियों को को 25 प्रतिशत हिस्सा दिया जाए।

इस प्रकार की मांगों को लेकर संघर्ष समिति द्वारा देहरादून के परेड ग्राउंड में महारैली का आयोजन किया जा रहा है।

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varsha kushwaha author

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