Uttarakhand उपचुनाव: बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीटों पर इतिहास बनेगा या दोहराएगा; जानें अब तक का हाल

70 सदस्यीय उत्तराखंड विधानसभा की दो सीटों के लिए उपचुनाव हो रहा है। बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए बुधवार 10 जुलाई 2024 को मतदान होगा। चलिए जानते हैं कि उपचुनाव की आवश्यकता क्यों पड़ी और इन सीटों का अब तक का हाल कैसा रहा है -

Uttarakhand Assembly By Polls.

उत्तराखंड में दो सीटों पर उपचुनाव

देश में हाल ही में लोकसभा चुनाव 2024 संपन्न हुए हैं। 4 जून 2024 को चुनाव के नतीजे आए और केंद्र में एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में NDA की सरकार बनी। इस बार विपक्ष को भी मजबूती मिली है। सरकार बन चुकी है और शपथग्रहण भी हो चुका है। अब उपचुनाव की बारी है। देशभर में 13 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हो रहे हैं और इसके लिए कल यानी बुधवार 10 जुलाई को मतदान होगा। इसी उपचुनाव में सात अन्य राज्यों के साथ उत्तराखंड की भी दो सीटों पर बुधवार को मतदान होगा। यह दो सीटें हैं 04 बदरीनाथ और 33 मंगलौर विधानसभा सीट।

उपचुनाव की मतगणनादेशभर की 13 विधानसभा सीटों पर चुनाव की घोषणा 14 जून को हुई थी। इन सीटों पर नामांकन यानी नॉमिनेशन की अंतिम तारीख 21 जून थी। इसके बाद 24 जून को नामांकन पत्रों की जांच की गई और नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख 26 जून तय की गई थी। कल यानी बुधवार 10 जुलाई को सभी 13 सीटों के लिए मतदान होगा और शनिवार 13 जुलाई को मतगणना होगी।

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उत्तराखंड में उपचुनाव क्यों?उत्तराखंड की जिन दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है उनमें से एक बदरीनाथ सीट है। मार्च 2024 में यहां से कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी ने इस्तीफा दे दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे। तब से यह विधानसभा सीट खाली थी। बदा दें कि बदरीनाथ विधानसभा सीट, पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है। इस विधानसभा सीट का धार्मिक और स्ट्रैटजिक महत्व है।

राज्य की दूसरी विधानसभा सीट मंगलौर है, जिसके लिए उपचुनाव हो रहा है। यह विधानसभा क्षेत्र हरिद्वार जिले का हिस्सा है। पिछले विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के सर्वत करीम अंसारी इस सीट से चुनाव जीते थे। लेकिन अक्टूबर 2023 में उनका निधन हो गया। तभी से यह सीट रिक्त है। 10वीं सदी में चौहान राजवंश के मंगल सिंह के नाम पर इस जगह का नाम मंगलौर पड़ा। आज यह मुस्लिम बहुल क्षेत्र है।

बदरीनाथ में मुख्य मुकाबलाबदरीनाथ में भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर आए पूर्व विधायक राजेंद्र भंडारी को ही अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस की तरफ से लखपत सिंह भुटोला ताल ठोंक रहे हैं। बता दें कि भुंटोला चमोली के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं और वह लॉ पोस्ट ग्रेजुएट हैं। इन दोनों के अलावा सैनिक समाज पार्टी ने हिम्मत सिंह नेगी और उत्तराखंड क्रांति दल ने बच्ची राम उनियाल को अपना उम्मीदवार बनाया है।

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मंगलौर में कौन-कौन मुकाबले मेंमंगलौर सी सीट पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने करतार सिंह भड़ाना को अपना उम्मीदवार बनाया है। भड़ाना हरियाणा से ताल्लुख रखते हैं, लेकिन भाजपा ने उन पर मंगलौर में दांव खेला है। कांग्रेस ने पूर्व विधायक काजी निजामुद्दीन को प्रत्याशी बनाया है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने पूर्व विधायक सर्वत करीम अंसारी के बेटे उबेदुर रहमान को उम्मीदवार बनाया है। सादिया जैदी और विजय कुमार कश्यप निर्दलीय के रूप में यहां से चुनाव मैदान में हैं।

बदरीनाथ में हर बार बदली पार्टीसाल 2022 के विधानसभा चुनाव में चमोली जिले की बदरीनाथ सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला था। उस समय राजेंद्र भंडारी कांग्रेस उम्मीदवार थे और उन्होंने करीब 2000 वोटों से भाजपा प्रत्याशी महेंद्र भट्ट को हराया था। महेंद्र भट्ट ने 2017 के चुनाव में राजेंद्र भंडारी को करीब 5 हजार वोटों से हराया था। अब वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं और राज्यसभा सदस्य भी हैं। साल 2012 के चुनाव में राजेंद्र भंडारी ने कांग्रेस के टिकट पर भाजपा नेता केदार सिंह फोनिया को हराया था, जो 2007 में यहां से जीते थे।

हरिद्वार जिले की मंगलौर सीट पर भाजपा को आज तक जीत नहीं मिली है। यहां साल 2002, 2007 और 2017 में कांग्रेस नेता काजी निजामुद्दीन ने जीत दर्ज की है। जबकि 2012 और 2022 में बसपा उम्मीदवार सर्वत करीम अंसारी यहां से चुनाव जीते। अब सर्वत करीम के निधन के बाद BSP ने उनके बेटे को चुनावी मैदान में उतारा है।

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Digpal Singh author

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