उत्तराखंड में भूल से भी ना काटे ये पेड़, वरना जाना होगा जेल, भरना पड़ेगा जुर्माना

उत्तराखंड में कई तरह के पेड़ पाए जाते हैं। इन पेड़-पौधों से ही यहां की खूबसूरती बनी हुई है। इन पेड़ों में लगभग 12 प्रजाति के कुछ ऐसे पेड़ हैं, जिन्हें आप काट नहीं सकते हैं। इसके अतिरिक्त भी किसी पेड़ को काटने के लिए आपको वन विभाग से परमिशन लेनी होती है।

उत्तराखंड पेड़

अत्तराखंड अपनी खूबसूरत जंगल और वादियों के लिए दुनियाभर में मशहूर है। यहां आकर लोगों को सुकून का एहससा होता है। यहां की सुंदरता का दीदार जन्नत में होने का एहसास करती है। आप यहां पर घूम सकते यहां के खाने का स्वाद ले सकते हैं। लेकिन गलती से भी यहां के पेड़ को काटने की ना सोचें। यहां कई तरह के पेड़-पौधे पाएं जाते हैं। उन्हीं पेड़ों में कुछ पेड़ ऐसे हैं, जिन्हें काटना गैरगानूनी है। आप इन पेड़ों को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं। अगर किसी ने भी ऐसा किया तो यह उसके लिए मुसिबत लेकर आ सकता है। तो चलिए जानते हैं उत्तराखंड के वो कौन-कौन से पेड़ हैं, जिन्हें काटना मना है।

दरअसल, उत्तराखंड में कई तरह के पेड़ पाए जाते हैं। इन पेड़-पौधों से ही यहां की खूबसूरती बनी हुई है। इन पेड़ों में लगभग 12 प्रजाति के कुछ ऐसे पेड़ हैं, जिन्हें आप नहीं काट सकते हैं। इसके अतिरिक्त भी अगर आप किसी पेड़ को काटने के लिए भी आपको वन विभाग से परमिशन लेनी होती है। यहां के इन 12 तरह के पेड़ों को आपने गलती से भी काट लिया तो आप बेवजह ही मुसीबत में पड़ सकते हैं। इसलिए इन पेड़ों को गलती से भी ना काटें।

इन 12 पेड़ों को काटना है गैरकानूनी

आपको बता दें कि वन संरक्षण अधिनियम 1976 के अनुसार इन 12 प्रजातियों के किसी भी पेड़ को काटने वाले को जेल जाना पड़ सकता है। इन पेड़ों में अखरोट, अंगू, साल, पीपल, बरगद, देवदार, चमखड़िक, जमनोई, नीम, बांज, महुआ और आम के पेड़ शामिल हैं।

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Maahi Yashodhar author

माही यशोधर Timesnowhindi.com में न्यूज डेस्क पर काम करती हैं। यहां वह फीचर, इंफ्रा, डेवलपमेंट, पॉलिट...और देखें

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