Varanasi Ring Road: वाराणसी में रिंग रोड फेज-3 का काम 65 प्रतिशत पूरा, बिहार समेत कई राज्यों को जोड़ेगा
Varanasi Ring Road Construction: वाराणसी को जाम मुक्त बनाने के लिए लगातार सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है। जिले को अन्य प्रदेश से जोड़ने के लिए बड़ी परियोजनाओं पर भी तेजी से काम जारी है। इसी दिशा में रिंग रोड फेज तीन का काम आधा से अधिक पूरा कर लिया गया है। अगले साल में यह निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है। इससे वाराणसी का पड़ोसी राज्यों से आवागमन बेहद आसान हो जाएगा।
वाराणसी में निर्माणाधीन रिंग रोड
मुख्य बातें
- मार्च 2024 तक पूरा होना है फेज 3 का निर्माण
- दिसंबर 2022 में काम पूरा करने का था लक्ष्य
- 60 प्रतिशत पूरा हो गया है सर्विस रोड का भी काम
Varanasi News: वाराणसी को बिहार समेत कई प्रदेश से जोड़ने वाला रिंग रोड फेज 3 का 65 प्रतिशत निर्माण पूरा हो गया है। यह अगले सात मार्च में बनकर तैयार हो जाएगा। पहले इसे 2022 के दिसंबर में ही पूरा करना था। संदहा से लेकर अलीनगर तक बनने वाली 27 किलोमीटर लंबी सड़क में 16 किलोमीटर निर्माण हो चुका है। सर्विस रोड का काम 60 प्रतिशत पूरा है। गंगा में बनने वाले 36 पिलर में से पांच का ही निर्माण बचा है। तीन लेन जाने वाली एक साइट के पिलन का काम पूरा हो गया है। दूसरी साइट के पिलर का काम जारी है। जबकि चंदौली में रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) के फाउंडेशन का काम पूरा कर लिया गया है।
यहां सड़क बनाने का भी काम तेजी से चल रहा है। तीन लेन सड़क बनने के साथ वाराणसी, चंदौली और गाजीपुर की दूरी 30 किलोमीटर कम हो जानी है। शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए रिंग रोड फेज एक चिरईगांव ब्लॉक (संदहा) से हरहुआ और दूसरे फेज का काम हरहुआ से राजा तालाब तक पूरा कर लिया गया है। इससे शहर को जाम से काफी राहत मिली भी है।
सर्विस रोड, सड़क एवं अंडरपास बनकर तैयार
रिंग रोड फेज तीन के तहत चिरईगांव ब्लॉक से बभनपुरवा तक सर्विस रोड, सड़क और कई जगहों पर अंडरपास बन गया है। अब जगह-जगह सड़क जोड़ा जाना है। एनएचएआई के परियोजना निदेशक आरएस यादव के मुताबिक संदहा से बभनपुरवा तक आठ किलोमीटर में सर्विस रोड बन गया है। चंदौली में प्रस्तावित दोनों आरओबी का काम संस्था को नवंबर तक पूरा करना है। ताकि अन्य काम जल्द पूरा किया जा सके।
वाराणसी-गाजीपुर से सटे लोगों को लाभ
वाराणसी और गाजीपुर से सटे लोगों को इस रिंग रोड से काफी फायदा होगा। दरअसल, इन इलाके के लोग मुख्य शहर से काफी दूर हैं। इनके लिए चंदौली मुख्यालय या मुगलसराय जाने में काफी परेशानी है। पहले सिर्फ एक रास्ता राजघाट पुल था। फिर बलुआ घाट पुल बनने के बाद वाराणसी और चंदौली की दूरी कम हुई, लेकन मुख्यालय से दूरी कम नहीं हुई है। अधिकतर लोग ट्रेन पकड़ने मुगलसराय जाते हैं। ऐसे में लोगों की मांग थी की चंद्रावाती के पास गंगा नदी में पीपा पुल बनाया जाए, जिसका निर्माण भी हुआ। हालांकि इस पर बड़े वाहन नहीं चल सकते हैं।
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