Charcoal From Waste: वाराणसी में होगा कमाल! कचरे से बनेगा चारकोल, प्रदेश को मिलेगा दोहरा फायदा

Varanasi charcoal from waste Plant: नए साल में वाराणसी में एक बड़ा प्रयोग सफल हुआ है। यहां कचरे से चारकोल बनाने की कोशिश सफल हुआ है। ट्रायल सफल होने से संबंधित अधिकारी बेहद खुश हैं। अगले पांच महीने बाद इस परियोजना को चालू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। परियोजना की एक से अधिक यूनिट स्थापित करने का प्रयास है। फिलहाल एक यूनिट में परियोजना पर काम चल रहा है।

varanasi charcoal

कचरे से बनाया गया चारकोल (प्रतीकात्मक तस्वीर)

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • रमनी में सफल रही हरित कोयला परियोजना का पहला ट्रायल
  • एनटीपीसी के विद्युत व्यापार निगम को मिला अपेक्षित लाभ
  • जून तक परियोजना को चालू करने का लक्ष्य

Varanasi News: शहर में निकलने वाले कूड़े का उपयोग करने का प्रयास रंग लाने लगा है। रमना में बन रही हरित कोयला परियोजना पहले ट्रायल में सफल रही है। इसमें अपेक्षित लाभ एनटीपीसी के विद्युत व्यापार निगम को मिला है। वाराणसी नगर निगम ने छह मीट्रिक टन कचरा दिया था, जिससे तीन टन चारकोल तैयार हुआ है। इस ट्रायल के रिजल्ट से एनटीपीसी प्रबंधन काफी खुश है। अब इस परियोजना को हर हाल में जून तक चालू करने का लक्ष्य है। इसको लेकर जोर-शोर से तैयारियां चल रहीं हैं।

परियोजना की समीक्षा खुद कमिश्नर कौशल राज शर्मा कर रहे हैं। ताकि एक यूनिट जून तक पूरी क्षमता के साथ चालू की जा सके। एनटीपीसी रमना की 16 एकड़ जमीन पर हरित कोयला परियोजना की तीन यूनिट लगाई जानी है। प्रत्येक यूनिट 200 मीट्रिक टन क्षमता की रहेगी। पहली यूनिट ट्रायल में सफल हो चुकी है।

यूनिट का फिर होगा ट्रायलएनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड के अधिकारी के मुताबिक फिर से इस यूनिट का ट्रायल किया जाएगा। इसके बाद यूनिट को पूरी तरह से चलाने की दिशा में काम शुरू कर दिया जाएगा। निगम के मुताबिक फरवरी से मार्च के बीच कूड़ा सेग्रीगेशन के लिए एनटीपीसी सेग्रीगेशन प्लांट लगाएगा, जिससे कूड़े से कैलोरीफिक वैल्यू को लेकर उच्च गुणवत्ता वाला चारकोल बनाया जा सके। जो सेग्रीगेशन प्लांट लगाया जाएगा वह कूड़े के ढेर से उन पदार्थों को बाहर निकालेगा, जिसमें चारकोल बनाने के हिसाब से एनर्जी नहीं है। सेग्रीगेशन प्लांट भी 200 टन क्षमता का रहेगा।

210 लोगों को मिलेगा रोजगारइन तीनों यूनिट के पूरी तरह से चालू हो जाने से 150 लोगों को रोजगार मिलेगा। तीनों यूनिट के संचालन में प्रत्यक्ष रूप से 60 लोग रोजगार पाएंगे। जबकि अप्रत्यक्ष रूप से 150 लोगों को रोजगार मिलने वाला है। बने हुए चारकोल को विंध्यनगर, टाडा, मेजा, शक्तिनगर एनटीपीसी प्लांट को भेजा जाएगा।

हर दिन 800 एमटी कूड़ा निस्तारण की क्षमताइस प्लांट के निर्माण पर 150 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। प्लांट से हर दिन 800 मीट्रिक टन कूड़ा निस्तारण हो सकेगा। इसे ईको फ्रेंडली बनाया जा रहा, जिससे आसपास के लोगों को परेशानी नहीं हो। प्लांट के बन जाने के बाद इसके रख-रखाव की जिम्मेदारी नगर निगम की है। यह पूरी प्रक्रिया पिछले तीन साल से चल रही है।

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