Varanasi Sant Ravidas Museum: वाराणसी में बनेगा एक और म्यूजियम, संत रविदास की विरासत अब डिजिटल की राह पर

Sant Ravidas digital Museum: नए साल में वाराणसी के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बन रहीं हैं। कुछ योजनाएं अब धरातल पर दिखने भी लगी हैं। वहीं, कई का प्रस्ताव मंजूर नहीं हुआ है। इसी क्रम में अब संत रविदास की जन्मस्थली को विकसित करने की योजना है। इसे पर्यटन स्थल के रूप में बड़े स्तर पर विकसित किया जाएगा। इसके लिए संत रविदास का म्यूजियम बनाया जाएगा। म्यूजियम निर्माण के लिए जमीन भी चिह्नित कर ली गई है।

प्रस्तावित संत रविदास म्यूजियम की डिजाइन

मुख्य बातें
  • 24 करोड़ रुपए से आधुनिक सुविधाओं से लैस बनेगा म्यूजियम
  • सीरगोवर्धनपुर में 4 हजार वर्ग मीटर पर होगा निर्माण
  • संग्रहालय देखकर 15वीं-16वीं सदी में वापस जाएंगे श्रद्धालु

Varanasi News: वाराणसी में सभी धर्मों के पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। बाबा विश्वनाथ धाम कॉरिडोर बनने के बाद हिंदू धर्म के लोगों का आगमन बढ़ा है। वहीं, सारनाथ एवं अन्य बौद्ध स्थलों को विकसित किए जाने से देश-विदेश से बौद्ध धर्मावलंबी पहुंच रहे हैं। अब संत शिरोमणि गुरु रविदास के अनुयायियों की जानकारी एवं आम लोगों में श्रद्धा बढ़ाने के लिए इनका म्यूजियम बनाया जाएगा। यह म्यूजियम डिजिटल बनाया जाएगा। इसका निर्माण संत शिरोमणि की जन्मस्थली सीरगोवर्धनपुर में किया जाएगा। यहां राज्य सरकार भव्य म्यूजियम बनाएगी।

इसका निर्माण 4 हजार वर्ग मीटर में किया जाएगा। इसके लिए 24 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। अधिकारी का कहना है कि जल्द ही प्रस्ताव को मंजूरी भी मिल जाएगी। इस म्यूजियम के माध्यम से संत शिरोमणि की आध्यात्मिक विरासत संजोयी जाएगी।

म्यूजियम में होगी 5 बड़ी पांच गैलरीम्यूजियम देखने के बाद लोग 15वीं-16वीं सदी में लौट जाएंगे। उत्तर प्रदेश संग्रहालय निदेशालय के निदेशक आनंद कुमार सिंह का कहना है कि संत रविदास के जीवन एवं दर्शन पर आधारित इस म्यूजियम में पांच बड़ी गैलरी रहेगी। डिजिटल फोटो एवं वीडियो के माध्यम से संत रविदास के जन्म, जीवन और आध्यात्मिक संदेश को बताया जाएगा। उनके गृहस्थ जीवन की भी जानकारी दी जानी है। इनमें संत के जीवन की बहुत सी अनछुए पहलु भी दिखाई जाएगी। निदेशक का कहना है कि म्यूजियम में भक्ति आंदोलन के उनके योगदान की जानकारी संजोयी जाएगी। रविदास की शिक्षा, उपदेश और रचनाओं को गैलरी में रखा जाएगा। ग्राफिक्स, ऑडियो-वीडियो के जरिए उनका साहित्यिक संकलन दिखाया जाना है।

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