Varanasi: मंदिरों में प्रसाद के रूप में अब ड्रायफ्रूट का इस्तेमाल, काशी विद्वत परिषद का बड़ा फैसला

Temple in Kashi: तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद में मिलावट को लेकर छिड़ा विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इस बीच काशी विद्वत परिषद का एक बड़ा फैसला सामने आया है। जिसके तहत मंदिरों में अब ड्रायफ्रूट का इस्तेमाल होगा। इससे पहले प्रयागराज के प्रमुख मंदिरों में बाहर से मिष्ठान प्रसाद लाने पर रोक लगा दी गई।

काशी के मंदिरों में प्रसाद चढ़ाने को लेकर बड़ा फैसला।

Varanasi News: काशी विद्वत परिषद का एक बड़ा फैसला सामने आया है। जिसके तहत देश मंदिरों में नई प्रसाद व्यवस्था लागू करने की कवायद शुरू हो रही है। काशी विद्वत परिषद और अखिल भारतीय संत समिति समेत काशी के कई धार्मिक संगठनों ने तय किया है कि अब प्रसाद के रूप में रामदाना, बताशा और ड्राई फ्रूट का इस्तेमाल किया जाए ताकि मिलावट की संभावना ना रहे।

प्रसाद के रूप में ड्रायफ्रूट का होगा इस्तेमाल

मंदिरों में अब प्रसाद के रूप में ड्रायफ्रूट का इस्तेमाल होगा। इस बीच काशी विद्वत परिषद के महामंत्री रामनारायण द्विवेदी ने बताया है कि भारत के जितने भी देवालय हैं। उन सभी देवालयों में काशी विद्वत परिषद ने एक विचार-विमर्श करके सभी पूज्य संतों के द्वारा धर्माचार्यों के माध्यम से एक व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया गया है कि शुद्धता और स्वच्छता पूर्ण जो भी खाद्य वस्तुएं हो। उसी का भोग प्रसाद के रूप में प्रयोग किया जाए।

प्रयागराज के प्रमुख मंदिरों में लागू हुआ ये नियम

तिरुपति बालाजी मंदिर में अशुद्ध प्रसाद चढ़ाये जाने के प्रकरण के बीच यहां प्रमुख मंदिरों में भी बाहर से मिष्ठान- लड्डू, पेड़े आदि के रूप में प्रसाद लाकर चढ़ाने पर रोक लगा दी गई है। इन मंदिरों के महंतों ने भक्तों से फिलहाल प्रसाद के रूप में नारियल, इलायची दाना, सूखे मेवे आदि चढ़ाने का आग्रह किया है क्योंकि ये शुद्ध होते हैं और इनमें मिलावट की आशंका नहीं होती है।
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