PM मोदी ने वाराणसी को दी कई सौगात, योगी बोले- गंगा विलास क्रूज और टेंट सिटी से काशी में हुई नये युग की शुरुआत

Ganga Vilas Cruise: नदी में चलने वाला जहाज 'एमवी गंगा विलास' अपने पहले सफर पर वाराणसी से रवाना हो गया। यह 51 दिनों के अपने सफर में लगभग 3,200 किलोमीटर की यात्रा करेगा। इस दौरान यह भारत और बांग्लादेश में 27 नदी प्रणालियों को पार करते हुए बांग्लादेश के रास्ते असम के डिब्रूगढ़ तक जाएगा।

मुख्य बातें
  • वाराणसी से शुरू हुई विश्व की सबसे लंबी रिवर क्रूज यात्रा, गंगातट पर बसी टेंट सिटी
  • क्रूज यात्रा के शुभारंभ और टेंट सिटी के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए सीएम योगी
  • विदास घाट पर आयोजित हुआ मुख्य कार्यक्रम, ऑनलाइन जुड़े प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

Varanasi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज 'एमवी गंगा विलास' ( Ganga Vilas Cruise) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने हजार करोड़ से ज्यादा की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस दौरान पीएम मोदी ने बटन दबाकर काशी में गंगा पार टेंट सिटी (Tent City) का उद्घाटन किया। इसके अलावा हल्दिया मल्टी मॉडल टर्मिनल और UP की चार सामुदायिक जेटी का लोकार्पण तथा बिहार की पांच सामुदायिक जेटी का शिलान्यास किया। पीएम मोदी ने बटन दबाकर असम के पांडु के शिप रिपेयर सेंटर और पांडु टर्मिनल को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने वाली एलिवेटेड रोड का शिलान्यास किया।

पीएम ने बताया क्रूज का फायदा

इस क्रूज में सभी लक्जरी सुविधाओं से युक्त तीन डेक, 36 पर्यटकों की क्षमता वाले 18 सुइट हैं। इस क्रूज की पहली यात्रा पर स्विट्जरलैंड के 32 पर्यटक रवाना हुए हैं। इस यात्रा से पर्यटकों को भारत एवं बांग्लादेश की कला, संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिकता से अवगत होने का अवसर मिलने की संभावना है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, 'आज काशी से डिब्रूगढ़ के बीच दुनिया की सबसे बड़ी नदी जल यात्रा 'गंगा विलास' क्रूज का शुभारंभ हुआ है। इससे पूर्वी भारत के अनेक पर्यटक स्थल वर्ल्ड टूरिज्म मैप में और प्रमुखता से आने वाले हैं। क्रूज़ टूरिज्म का ये नया दौर इस क्षेत्र में हमारे युवा साथियों को रोजगार-स्वरोजगार के नए अवसर देगा। विदेशी पर्यटकों के लिए तो ये आकर्षण होगा ही, देश के भी जो पर्यटक पहले ऐसे अनुभवों के लिए विदेश जाते थे… वो भी अब पूर्वी-उत्तर पूर्वी भारत का रुख कर पाएंगे।'

योगी बोले- यह ऐतिहासिक दिनमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर हर महादेव के जयघोष के साथ अपना उद्बोधन शुरू किया। उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे प्राचीन नगरी काशी दुनिया की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विख्यात है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में काशी अपनी विरासत को संरक्षित रखते हुए वैश्विक मानचित्र पर उभरी है। आज का दिन काशी के साथ ही बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम के लिए भी बहुत ऐतिहासिक है। यूपी को हमेशा इस बात की तड़प रहती थी कि लैंड लॉक स्टेट होने के कारण हमारे कृषि और एमएसएमई के उत्पादों को अन्तरराष्ट्रीय बाजारों में भेजना महंगा पड़ता था। व्यापारी सदैव इसे लेकर परेशान रहते थे। विगत तीन वर्ष के अंदर पूर्वी बंदरगाह से काशी को जोड़ने का जो कार्य हुआ है, उसके लिए उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करता है।

काशी में पर्यटन के नये युग की शुरुआतमुख्यमंत्री ने एमवी गंगा विलास क्रूज के शुभारंभ को काशी में पर्यटन के नये युग की शुरुआत बताया। उन्होंने कहा कि विश्वनाथ धाम बनने के साथ ही काशी में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ी है। इसके साथ ही संभावनाओं के नये द्वार भी खुले हैं। गंगा विलास रिवर क्रूज की आगे की दो वर्ष की एडवांस बुकिंग इसका जीता जागता प्रमाण है। काशी आज नई पहचान के साथ आगे बढ़ रहा है। इससे एक भारत, श्रेष्ठ भारत के अभियान को भी बल मिल रहा है।

आज नाविक एक ही सीजन में पूरे साल की कमाई कर ले रहा हैमुख्यमंत्री ने कहा कि आज का कार्यक्रम नमामि गंगा की सफलता की नई ऊंचाई को प्रदर्शित करता है। बीते आठ साल में मां गंगा का जल आचमन तो दूर स्नान के लिए लोगों में आशंकाएं उत्पन्न करता था। आज नमामि गंगा अभियान सफलता की ऊंचाई छूते हुए आगे बढ़ा है। 2019 में प्रयागराज कुंभ की सफलता इसी नमामि गंगा की सफलता की कहानी का प्रत्यक्ष प्रमाण है। गंगा के साथ अपनी आजीविका को जोड़ने वाले काशी के 16 सौ से ज्यादा नाविकों के जीवन में परिवर्तन आया है। सरकार ने नाविक की नावों को सीएनजी से जोड़ने का कार्य किया। आज यहां का हर नाविक एक ही सीजन में पूरे साल की कमाई कर ले रहा है। ये नमामि गंगा परियोजना की सफलता तो है ही, साथ ही नाविकों के स्वावलंबन को भी दर्शाता है।

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