वाराणसी:गंगा में अब CNG नाव, 2000 को मिलेंगे नए इंजन, तैरते बोट से होगी ईंधन की सप्लाई

CNG Boat In Varanasi: केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने यह भी दावा किया है कि सीएनजी इंजन नावी नावों से न केवल प्रदूषण में कमी आएगी बल्कि नाविकों को हर साल 25,000 रुपये से 30,000 रुपये की बचत भी होगी।

गंगा में प्रदूषण होगा कम

CNG Boat In Varanasi: गंगा नदी में प्रदूषण को रोकने के लिए बड़ी पहल की गई है। इसके तहत नदी में अब पर्यावरण के अनुकूल सीएनजी नौका चलाई जाएंगी। इस कवायद में अभी तक 583 नौकाओं को सीएनजी-चालित नौकाओं में बदला जा चुका है।पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वाराणसी में गंगा पर चलने वाली नावों के पूरे बेड़े को पर्यावरण के अनुकूल ईंधन से बदलने की योजना है। इसके अलावा इन नावों को सीएनजी की आपूर्ति तैरते बोट से की जाएगी।

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, 'पिछले साल जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पवित्र गंगा पर सीएनजी वाली नौकाएं चलाने की इच्छा जताई थी। 500 नावों के लक्ष्य के मुकाबले 583 नावों को पहले ही सीएनजी में बदला जा चुका है। हम 2,000 नावों को सीएनजी-चालित बनाने के लिए काम कर रहे हैं।'सीएनजी ईंधन को बढ़ावा देने के लिए गंगा के तट पर सीएनजी से चलने वाली नावों का लक्ष्य रखा गया है।पुरी ने कहा कि डीजल इंजन की तुलना में सीएनजी इंजन कम प्रदूषणकारी होता है और ये सल्फर डाइऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसों का उत्सर्जन भी नहीं करते हैं। इसके अतिरिक्त सीएनजी इंजन काफी शांत भी होते हैं, जिससे जलीय जीवन और घाटों के साथ स्थित ऐतिहासिक धरोहरों पर डीजल इंजनों के तेज शोर के प्रतिकूल प्रभावों को कम किया जा सकता है।

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