Gyanvapi Case: ज्ञानवापी परिसर तहखाने की चाभी जिलाधिकारी को सौंपे, कोर्ट का आदेश

Gyanvapi Case: अदालत ने कहा,‘इसलिए वाराणसी के जिलाधिकारी को व्यास जी के तहखाने का रिसीवर नियुक्त किया जाता है।’ हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने पहले कहा था कि अधिकारियों ने 1993 में तहखाने में अवरोधक लगा दिया था और उसमें ताला लगा दिया था।

वाराणसी जिला अदालत का फैसला।

Gyanvapi Case: वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर स्थित तहखाने की चाबियां जिलाधिकारी को सौंपने का आदेश दिया है। इस तहखाने को 'व्यास जी का तहखाना' के नाम से जाना जाता है। जिला जज एके विश्वेश ने बुधवार को अपने आदेश में कहा कि परिसर के दक्षिणी हिस्से के आखिरी छोर पर स्थित 'व्यास जी के तहखाने' का उचित देखरेख करने की जरूरत है।

993 में तहखाने में अवरोधक लगा

अदालत ने कहा,‘इसलिए वाराणसी के जिलाधिकारी को व्यास जी के तहखाने का रिसीवर नियुक्त किया जाता है।’ हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने पहले कहा था कि अधिकारियों ने 1993 में तहखाने में अवरोधक लगा दिया था और उसमें ताला लगा दिया था। यादव ने अपनी याचिका में दावा किया था कि इससे पहले तहखाने का इस्तेमाल पुजारी सोमनाथ व्यास द्वारा पूजा के लिए किया जाता था।

रिपोर्ट सार्वजनिक न करने के लिए अर्जी

बता दें कि ज्ञानवापी मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही है। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) ने अपनी सर्वे रिपोर्ट जिला अदालत में पेश कर चुकी है। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में 90 दिनों तक हुए ASI के सर्वे की रिपोर्ट पक्षकारों को दिए जाने पर सुनवाई हो चुकी है। इस दौरान ASI ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से दिए गए आदेश का हवाला देते हुए चार हफ्ते तक रिपोर्ट को सार्वजनिक न करने की अर्जी दी।
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