STP will Be Made in Varanasi: वाराणसी में गंगा नदी में नहीं गिरेगा गंदा पानी, 3 और एसटीपी बनेंगे

Varanasi News: वाराणसी के सीवरेज सिस्टम को दुरुस्त करने का काम चल रहा है। इसके तहत अब यहां तीन नए एसटीपी बनाए जाएंगे। इनके निर्माण की जगह और राशि निर्धारित हो चुकी है। दो जगहों पर पहले से ही एक-एक एसटीपी बना हुआ है। वहां एक-एक और एसटीपी बनाया जाएगा। तीनों एसटीपी के निर्माण को लेकर बहुत जल्द टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसके बाद निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

वाराणसी में बना एसटीपी

मुख्य बातें
  • भगवानपुर में 55 एमएलडी शोधन क्षमता वाला बनेगा एसटीपी
  • रामनगर में 40 एमएलडी और लोहता में 25 एमएलडी शोधन क्षमता का बनाया जाएगा एसटीपी
  • रामनगर और भगवानपुर में पहले से भी है एक-एक एसटीपी


Varanasi Sewerage Treatment Plant: वाराणसी नगर निगम विस्तारित क्षेत्र में सीवर, पेयजल समेत अन्य सुविधाओं का इंतजाम किया जा रहा है। इसी कड़ी में तीन जगहों पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाया जाएगा। इसके तहत भगवानपुर में 55 एमएलडी शोधन क्षमता वाला एक और एसटीपी बनाया जाएगा। यहां पहले से एक एसटीपी बना हुआ है। नए एसटीपी को बनाने के लिए शासन से 300 करोड़ रुपए मंजूर हुए हैं। रामनगर में 40 एमएलडी शोधन क्षमता का एसटीपी बनेगा। यहां भी पहले से एक एसटीपी है। लोहता में 25 एमएलडी शोधन क्षमता का एसटीपी बनाया जाना है। इन तीनों एसटीपी के बनने के बाद शहर में कुल एसटीपी 10 हो जाएंगे।

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दरअसल, शहर में 7 एसटीपी होने के बाद भी कई इलाकों से अब भी नाले का पानी सीधे गंगा नदी में गिर रहा है। इसका कारण शोधन क्षमता कम होना बताया गया है। ऐसे में भगवानपुर में एक और एसटीपी बनाने का निर्णय हुआ है। नगवां एवं सामने घाट स्थित नाला समेत रामनगर का चार नाला बंद कर रमना एसटीपी सेे जोड़ा गया है।

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रामनगर से गंगा में हर दिन गिरता है 10 एमएलटी मलजलरामनगर में चार नालों से हर दिन 10 एमएलटी मलजल गंगा नदी में गिरता है। इसको देखते हुए रामनगर में 25 एमएलडी एसटीपी निर्माण का प्रस्ताव बना था। लोहता क्षेत्र में नए सीवेज सिस्टम से घरों के शौचालयों को जोड़ने की रूपरेखा तैयार की जा रही है। इस बारे में नगर आयुक्त प्रणय सिंह का कहना है कि शासन से मंजूरी मिलते ही रामनगर एवं लोहता एसटीपी का निर्माण शुरू किया जाएगा। उम्मीद है कि कुछ दिनों में मंजूरी मिल जाएगी। इसके बाद एसटीपी निर्माण के लिए टेंडर निकाला जाएगा। उचित एजेंसी को टेंडर देकर वर्क ऑर्डर जारी कर दिया जाएगा। बरसात से पहले निर्माण कार्य पूरा करा लिया जाना है।

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