Drinking Water Supply in Varanasi: वाराणसी में दूर होगी पेयजल की किल्लत, जानें कैसे होगी आपूर्ति
Varanasi News: वाराणसी के लोगों के लिए बेहद अच्छी खबर है। अब जिले में पेयजल की किल्लत नहीं होगी। इसके लिए अमृत योजना के तहत आपूर्ति के इंतजाम किए जाएंगे। परियोजना को मंत्रालय से मंजूरी भी मिल चुकी है। इस परियोजना पर खर्च होने वाली राशि केंद्र एवं राज्य सरकार उठाएगी। कुल 23 शहरों में पेयजल आपूर्ति को बेहतर किया जाना है।
वाराणसी में होगी पेयजल आपूर्ति
मुख्य बातें
- वाराणसी समेत 23 शहरों के लिए 32 पेयजल परियोजना हुई तैयार
- अमृत योजना के तहत परियोजनाओं का होगा क्रियान्वयन
- केंद्र एवं राज्य सरकार मिलकर उठाएगी खर्च
Varanasi Drinking Water: वाराणसी समेत 23 शहरों में पेयजल की किल्लत जल्द ही दूर होने वाली है। जल निगम के स्तर पर कार्यवाही शुरू की जा रही है। जल निगम द्वारा पहले चरण में वाराणसी समेत 23 शहरों के लिए बनाई गई 32 पेयजल परियोजनाओं को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। अब इन परियोजनाओं पर काम शुरू किया जाना है। अमृत योजना के तहत इन परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा। इसमें केंद्र एवं राज्य सरकार राशि खर्च करेगी। परियोजनाओं पर 21, 736, 44 रुपए खर्च होने हैं।
अमृत योजना के तहत इन परियोजनाओं का स्टेट एनुअल एक्शन प्लान के लिए बनाया गया था। इसे मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय उच्चाधिकार संचालन समिति से पिछले महीने ही मंजूरी मिलने के बाद केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा गठित अपेक्स कमेटी को भेजा गया था। अब इसे मंजूरी मिली है।
इन शहरों में दूर होगी पेयजल संकटपेयजल की 32 परियोजनाओं के लिए जिन 23 शहरों में काम होना है, उनमें से आठ शहर नगर निगम क्षेत्र के हैं। इनमें वाराणसी, प्रयागराज, गाजियाबाद, अयोध्या, वृंदावन-मथुरा, झांसी एवं शाहजहांपुर के लिए दो-दो परियोजनाएं हैं। मेरठ के लिए एक ही परियोजना मंजूर हुई है। शेष 17 परियोजनाएं नगर पालिक परिषद वाले शहरों के लिए मंजूर की गईं हैं। दरअसल, वाराणसी, प्रयागराज, गाजियाबाद, अयोध्या, वृंदावन-मथुरा, झांसी, शाहजहांपुर, मेरठ, अंबेडकरनगर, खुर्जा, सोनभद्र, अमरोहा, हरदोई, जौनपुर, सुल्तानपुर, मुगलसराय, गाजीपुर, आजमगढ़, बुलंदशहर, शिकोहाबाद, संभल, चंदौसी, मिर्जापुर शहर के लिए परियोजना मंजूर हुई है।
आबादी के मुताबिक तय हुई हिस्सेदारीशहरों की आबादी के आधार पर परियोजनाओं की लागत की हिस्सेदारी तय हुई है। 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों से जुड़ी परियोजनाओं की लागत एक तिहाई धन केंद्र और दो तिहाई धन राज्य सरकार उठाएगी। जबकि, 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों की परियोजना की लागत का 50-50 प्रतिशत धन दोनों सरकार खर्च करेगी। पेयजल परियोजना के तहत उन घरों को पेयजल के लिए नल कनेक्शन दिया जाएगा, जहां अब तक पेयजल की आपूर्ति नहीं हो रही है। शहरों की पुरानी पाइपलाइन बदली जाएगी। इसके साथ ही पेयजल आपूर्ति व्यवस्था का विस्तार होगा। जरूरत पड़ने पर नई पाइपलाइन भी बिछाई जाएगी।
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