Varanasi: 5 साल के बच्चे ने मौत को दी मात, 7 फीट का सरिया हो गया था पेट के आर-पार

Varanasi BHU: वाराणसी के बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में डॉक्टरों ने पांच साल के बच्चे के शरीर से आर-पार हुई सरिया को ऑपरेशन करके निकाल दिया और बच्चे को नया जीवन दिया। बच्चे की हालत खतरे से बाहर है। पांच साल के बच्चे के पेट में छत पर खेलते समय सरिया आर-पार हो गई थी। फिलहाल बच्चे की हालत खतरे से बाहर है।

Varanasi bhu

बीएचयू ट्रॉमा सेंटर

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • पांच साल के बच्चे के पेट में आर-पार हुई सरिया
  • बीएचयू के डॉक्टरों ने ऑपरेशन करके निकाली
  • पांच साल के मासूम ने मौत को दी मात
BHU Doctors Saved Life: 'जाको राखे साईयां मार सके ना कोय...मऊ के रानीपुर के रहने वाले श्याम कुमार के पांच साल के बेटे प्रांजल पर यह कहावत सटीक बैठ रही है। वाराणसी के बीएचयू ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टर पांच साल के प्रांजल के लिए देवदूत बन गए। दरअसल, प्रांजल के छत पर खेलते समय घर में बीम के लिए छोड़ी गई सरिया पेट के आर-पार हो गई। करीब सात फीट सरिया पेट में आर-पार निकल गई। पांच साल का बच्चा बेहोश होने की वजह से सरिया में फंसकर काफी देर तक झूलता रहा। इस बीच उसे एक पड़ोसी महिला ने देखा, तो उसने शोर मचाया।
बच्चे का ऐसा हाल देखकर हर किसी के रोंगटे खड़े हो गए। परिजनों ने आनन-फानन में गैस कटर मशीन मंगाई। गैस कटर से छह फीट के सरिये को काटकर बच्चे को नीचे लाया गया। इसके बाद परिजनों और ग्रामीणों ने दोनों तरफ से और सरिया काटी, उन्होंने सिर्फ तीन फीट की सरिया छोड़ी।

पिता बोले-डॉक्टरों ने भगवान की भूमिका निभाई

परिजन मासूम प्रांजल को लेकर मंगलवार की रात करीब साढ़े नौ बजे चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के ट्रामा सेंटर लेकर पहुंचे। यहां आचार्य प्रभारी प्रो. सौरभ सिंह के निर्देश पर तुरंत इलाज शुरू किया गया। जब बच्चे को ओटी में शिफ्ट किया गया तो वह बेहोश था। उसकी पल्स और बीपी भी स्थिर नहीं थी। स्थिति में सुधार के लिए करीब दो घंटे तक लगातार ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन सफल होने के बाद प्रांजल के पिता श्याम कुमार ने कहा कि, चार बेटियों के बाद पुत्र ने घर में जन्म लिया था। हमने तो उसके बचने की उम्मीद ही छोड़ दी थी लेकिन यहां के डॉक्टरों ने भगवान की भूमिका निभाई। मेरे इकलौते बेटे की जिंदगी बचा ली।

ओटी में मैजूद एडवांस वेसेल सीलर मशीन से जान बची

वहीं, डा. वैभव पांडेय ने बताया कि, ओटी में उपलब्ध एडवांस वेसेल सीलर मशीन बच्चे की जान बचाने में काफी मददगार साबित हुई। इस मशीन से कम समय में बिना ज्यादा खून बहे बेहतर ऑपरेशन हो पाया। उन्होंने बताया कि, सरिया पेट में आरपार होने की वजह से छोटी आंत में 40 सेमी तक 10 जगह छेद हो गए थे। यह सरिया किडनी के रास्ते बाएं पैर को जोड़ने वाली मुख्य धमनी के बाहर निकल चुकी थी। उन्होंने बताया कि, 40 सेमी छोटी आंत को काटकर निकालने के बाद दोनों भागों को जोड़ा गया। ऑपरेशन के लिए दवाएं, उपकरण या अन्य सामग्री और पैसा जमा कराने का झंझट भी नहीं करना पड़ा।
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