ज्ञानवापी परिसर मामला: तहखाने के अधिकार मामले पर सुनवाई पूरी, चार अक्टूबर तक के लिए फैसला सुरक्षित

Gyanvapi case: अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया था कि ज्ञानवापी परिसर स्थित नंदी के मुख के सामने व्यास जी का तहखाना मौजूद है जिसे 1993 में सरकार ने बैरिकेड लगाकर पूजा पाठ बंद करा दिया था। उन्होंने बताया था कि 1993 से पहले तहखाने का उपयोग एक पुजारी सोमनाथ व्यास द्वारा पूजा के लिए किया जाता था।

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ज्ञानवापी केस

तस्वीर साभार : भाषा

Gyanvapi case: वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने की चाबी यहां के जिलाधिकारी को सौंपने का आग्रह करने वाली एक याचिका पर शनिवार को सुनवाई पूरी करते हुए आदेश चार अक्‍टूबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया। जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश मिश्रा ने बताया कि ज्ञानवापी स्थित व्यास जी के तहखाने को जिलाधिकारी को सौंपने संबंधित प्रकरण में दाखिल स्थानांतरण आवेदन पर शनिवार को जिला न्यायाधीश ए के विश्वेश ने सुनवाई पूरी करते हुए आदेश चार अक्टूबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया है।

राजेश मिश्रा ने शुक्रवार को बताया था कि ज्ञानवापी स्थित व्यास जी के तहखाने का अधिकार जिलाधिकारी को सौंपने सहित वहां पूजा-पाठ करने के अधिकार देने संबंधी वाद सिविल न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) नितेश कुमार सिन्हा की अदालत में दायर किया गया था। उन्होंने बताया कि पिछले सोमवार को इस वाद को जिला न्यायाधीश की अदालत में स्थानांतरित करने के लिए प्रार्थनापत्र दिया गया जिस पर जिला न्यायाधीश ए के विश्वेश ने सुनवाई करते हुए मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी को अपना पक्ष रखने के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की थी।

मंदिर ट्रस्ट ने प्रार्थनापत्र पर नहीं जताई आपत्ति

हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि आज जिले की अदालत में काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अधिवक्ता रवि पांडेय ने अदालत के समक्ष कहा कि स्थानांतरण प्रार्थनापत्र स्वीकार करने योग्य है और मंदिर ट्रस्ट को इस प्रार्थनापत्र पर कोई आपत्ति नहीं है।

1993 से तहखाने में बंद करा दिया गया था पूजापाठ

इसके पहले शुक्रवार को अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया था कि ज्ञानवापी परिसर स्थित नंदी के मुख के सामने व्यास जी का तहखाना मौजूद है जिसे 1993 में सरकार ने बैरिकेड लगाकर पूजा पाठ बंद करा दिया था। उन्होंने बताया था कि 1993 से पहले तहखाने का उपयोग एक पुजारी सोमनाथ व्यास द्वारा पूजा के लिए किया जाता था। यादव ने बताया कि हिंदू पक्ष ने नया वाद दाखिल करके दूसरे पक्ष द्वारा तहखाने पर कब्जे की आशंका को देखते हुए ज्ञानवापी विवाद पर फैसला आने तक तहखाने को जिलाधिकारी को सौंपने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि साथ ही हिंदू पक्ष ने मांग की है कि नंदी के सामने की बैरिकेडिंग को हटाकर तहखाने तक रास्ता बना दिया जाए, जिससे से वहां पूजा पाठ होती रहे।

विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अधिवक्ता ने शुक्रवार को अपनी तैयारी पूरी ना होने का हवाला देते हुए और समय देने का अनुरोध किया जिसके बाद जिला न्यायाधीश ने 30 सितंबर को सुनवाई की तारीख तय की थी और आज इस पर सुनवाई पूरी हुई। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) यहां काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर के ऊपर किया गया था या नहीं।

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