Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद केस में अदालत का अहम फैसला, सभी 8 मामलों की एक साथ होगी सुनवाई

अब एक ही कोर्ट में ज्ञानवापी मामले से जुड़े सभी मामलों की एक साथ सुनवाई होगी।

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ज्ञानवापी मस्जिद केस में अहम फैसला

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी जिला अदालत ने आज अहम फैसला सुनाया। वाराणसी जिला न्यायालय ने मंगलवार को फैसला सुनाया कि ज्ञानवापी से जुड़े सभी मुकदमों की एक साथ सुनवाई होगी। वाराणसी के जिला जज ने आदेश दिया कि ज्ञानवापी मामले से जुड़े सभी सात मामलों की अब एक साथ सुनवाई होगी। कल जिला जज ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसे लेकर हिंदू पक्ष ने याचिका दायर की थी।

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ज्ञानवापी और आदि विश्वेश्वर मामलों के विशेष अधिवक्ता राजेश मिश्रा ने बताया कि जिला न्यायाधीश ए. के. विश्वेश ने प्रतिवादियों की आपत्तियों के बावजूद अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए ज्ञानवापी प्रकरण से संबंधित एक ही प्रकृति के सात मुकदमों की सुनवाई एक साथ करने का आदेश सुनाया। मिश्रा ने बताया कि जिला न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा है कि यदि ये सभी मामले विभिन्न अदालतों में लंबित रहेंगे, तो संभावना है कि इनमें विरोधाभासी आदेश सुनाए जा सकते हैं, जबकि एक ही अदालत में ऐसे सभी मामलों की सुनवाई होने से विरोधाभासी फैसले की कोई संभावना नहीं रहेगी।

मिश्रा के अनुसार, जिला न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा है कि दीवानी प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) के आदेश (ऑर्डर) चार-ए में प्रावधान किया गया है कि जब एक ही अदालत में दो या दो से अधिक वाद लंबित हों और अदालत की राय में यदि संयुक्त सुनवाई न्याय के हित में है, तो न्यायाधीश इसका आदेश दे सकता है। जिला न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा है कि यह न्याय के हित में होगा कि इन सभी मुकदमों को एक साथ सुना जाए।

मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता मोहमद तौहीद खान ने सभी सातों मुकदमों की एक साथ सुनवाई किये जाने के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि अभी ज्ञानवापी से जुड़े मुद्दे उस अवस्था में नहीं पहुंचे थे कि उनको एक साथ सुनने का फैसला दिया जाये। उन्होंने कहा कि अभी अदालत को सभी मुकदमों के साक्ष्यों को देखना चाहिए था और यदि साक्ष्य एक जैसे रहते तब इस तरह का फैसला देना न्यायसंगत होता।

गौरतलब है कि अगस्त 2021 में पांच महिलाओं ने स्थानीय अदालत में एक याचिका दायर की थी, जिसमें मस्जिद परिसर के अंदर स्थित मां शृंगार गौरी स्थल पर नियमित पूजा के अधिकार की मांग की गई थी। इसपर सुनवाई करते हुए जिला न्यायाधीश ने सातों मुकदमों को एक ही प्रकृति का बताते हुए एक साथ सुनवाई किये जाने का आदेश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

बता दें कि इससे पहले 19 मई 2023 को ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सर्वे वाले आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद मस्जिद में मिले 'शिवलिंग' की कार्बन डेटिंग फिलहाल नहीं होगी।

सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने याचिका दाखिल की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इससे पहले अपने फैसले में ASI को 'शिवलिंग' की कार्बन डेटिंग करने का आदेश दिया था। ताकि यह पता चल सके कि मस्जिद में जो संरचना मिली है, वो शिवलिंग है या कुछ और।

सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या हुआ

सुप्रीम कोर्ट इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई के लिए राजी हो गया, जिसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस 'शिवलिंग' की उम्र का निर्धारण करने के लिए कार्बन डेटिंग सहित 'वैज्ञानिक सर्वेक्षण' कराने का आदेश दिया गया था। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने 'शिवलिंग' के वैज्ञानिक सर्वेक्षण और कार्बन डेटिंग के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ मस्जिद समिति की याचिका पर केंद्र, उत्तर प्रदेश सरकार और हिंदू याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी किए। पीठ ने कहा- "चूंकि विवादित आदेश के निहितार्थों की बारीकी से जांच की जानी चाहिए, इसलिए आदेश में संबंधित निर्देशों का कार्यान्वयन अगली तारीख तक स्थगित रहेगा।"

सर्वे के बाद 'शिवलिंग' का चला था पता

पिछले साल 16 मई को मस्जिद में कोर्ट के आदेश के बाद हुए सर्वेक्षण में यह 'शिवलिंग' मस्जिद परिसर में पाया गया था। इस संरचना को हिंदू पक्ष द्वारा 'शिवलिंग' और मुस्लिम पक्ष द्वारा 'फव्वारा' होने का दावा किया गया है। ज्ञानवापी मस्जिद, काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में है और कई सालों से इसे लेकर विवाद है।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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