Holi in Kashi with the Gulal of Mathura: मथुरा जेल में बने गुलाल से काशी में होगी होली, माता गौरी की पालकी यात्रा में यही भी गुलाल उड़ेगा
varanasi News: इस बार काशी की होली बेहद खास होने वाली है। यहां मथुरा जेल में बने गुलाल से होली मनाई जाएगी। इसकी शुरुआत तीन मार्च को होगी। इस दिन माता गौरा की पालकी यात्रा में मथुरा जेल में बने गुलाल को उड़ाया जाएगा। जेल में बंद कैदियों द्वारा गुलाल बनाया जा रहा है। यह हर्बल गुलाल होगा, जिस वजह से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा।
मथुरा जेल में बने गुलाल से काशी में होगी होली (फाइल फोटो)
मुख्य बातें
- तीन मार्च को रंगभरी एकादशी पर उड़ाया जाएगा मथुरा का गुलाल
- इसी दिन से काशी में होगी होली की शुरुआत
- मथुरा जेल में छह कैदी बना रहे गुलाल
Varanasi Holi: शहर में तीन मार्च को रंगभरी एकादशी धूमधाम से मनाया जाना है। इस दिन माता गौरा की पालकी यात्रा निकाली जाएगी। इस पालकी यात्रा में खास हर्बल गुलाल उड़ाया जाएगा, जो मथुरा जेल में बन रहा है। जेल के छह कैदी गुलाल तैयार कर रहे हैं। अरारोट में सब्जियों को मिलाकर गुलाल बनाया जा रहा है। अरारोट में पालक, मेथी और चुकंदर पीसकर मिलाया जा रहा है। इस कारण अलग-अलग रंग के गुलाल बनाए जा रहे हैं। लाल रंग एवं हल्दी पाउडर की मदद से पीला गुलाल बनाया जा रहा है।
गुलाल में खुशबू के लिए इत्र भी मिलाया जा रहा है। काशी विश्वनाथ के पूर्व महंत का कहना है कि बाबा और माता गौरा गौने पर निकाली जाएगी पालकी पर हर वर्ष हजारों क्विंटल गुलाल उड़ाए जाते हैं। संजीव रत्न मिश्र समेत दो लोग मथुरा जेल से गुलाल लाएंगे। दोनों सदस्य मथुरा जेल अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह से मिलेंगे और रंगभरी एकादशी के लिए गुलाल लाने की व्यवस्था सुनिश्वित करेंगे।
गुलाल बनाने के लिए कैदियों को दिया गया है प्रशिक्षणमथुरा जेल के कैदियों को स्वावलंबी बनाया जा रहा है। इन्हें गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है। कौशल विकास मिशन के तहत यह प्रशिक्षण दिया गया है। इस गुलाल से किसी के त्वचा को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। यह बिल्कुल ईको फ्रेंडली गुलाल होगा।
वृंदावन के बांके बिहारी पहनेंगे काशी की फेटा पगड़ीवृंदावन के बांके बिहारी फागुनोत्सव में काशी में बनाई गई फेटा पगड़ी पहनेंगे। पहली बार फागुनोत्सव पर काशी से बांके बिहारी को पगड़ी भेजी गई है। बाबा विश्वनाथ की पगड़ी सजाने वाले परिवार ने ही बांके बिहारी की पगड़ी बनाई है। पगड़ी बनाने वाले मोहित दास महाराज का कहना है कि इसे रेशम और मखमल से बनाया गया है। जरी और स्टोन का भी काम किया गया है। पगड़ी में कलगी लगी हुई है। इसमें नगीने की लटकन भी लगी है, जिससे पगड़ी और खूबसूरत बन जाती है। वृंदावन यह पगड़ी पहुंच भी गई है। रविवार को मोहित दास महाराज पगड़ी लेकर वृंदावन के लिए रवाना हुए थे। इसी पगड़ी में बांके बिहारी का श्रद्धालु दर्शन करेंगे।
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