Kashi-Prayagraj Industrial Park: गंगा किनारे काशी से प्रयागराज के बीच बनेगा औद्योगिक पार्क, 1400 एकड़ में होगा निर्माण

Kashi-Prayagraj Industrial Park Construction: काशी के लोगों के लिए बेहद अच्छी खबर है। विशेषकर उद्यमियों एवं उद्योगपतियों के लिए। 1400 एकड़ में औद्योगिक पार्क बनाया जाना है। इसका निर्माण कार्य बहुत जल्द शुरू कर दिया जाएगा। यह पार्क प्रयागराज तक बनाया जाएगा। इसके लिए जमीन भी चिह्नित कर ली गई है।

काशी-प्रयागराज के बीच बनेगा औद्योगिक पार्क (प्रतीकात्मक तस्वीर)

मुख्य बातें
  • औद्योगिक पार्क बनाने के लिए जमीन चिह्नित
  • वाराणसी, मिर्जापुर और प्रयागराज मंडल की जमीन चिह्नित
  • इसी वित्तीय वर्ष में विकसित की जाएंगी सुविधाएं

Varanasi News: गंगा नदी किनारे काशी से प्रयागराज तक 1400 एकड़ में औद्योगिक पार्क बनेगा। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने वाराणसी, मिर्जापुर और प्रयागराज मंडल के 10 जिलों में जमीन चिह्नित की है। इस वित्तीय वर्ष में ही सुविधाएं विकसित की जाएंगी। गंगा नदी किनारे रामनगर बंदरगाह की जैसे ही प्रयागराज तक चार और इंटर मॉडल स्टेशन विकसित करने की योजना है। यहां से औद्योगिक इकाइयों को जल परिवहन से जोड़कर सागर माला परियोजना को भी गति दी जानी है।

दरअसल, मंडल स्तरीय इंवेस्टर्स समिट में इस पर विचार-विमर्श हुआ है। समिट में वाराणसी मंडल में 1.52 लाख करोड़ रुपए के निवेश का भी प्रस्ताव आया है। इससे 1.91 लाख युवाओं को रोजगार मिल सकता है। सिर्फ वाराणसी में ही 1.30 लाख करोड़ रुपए निवेश का प्रस्ताव है। यहां निवेश करने वाली औद्योगिक इकाइयों ने 1.70 लाख युवाओं को रोजगार दिलाने का भरोसा दिया है। वाराणसी मंडल अब तक निवेश प्रस्ताव में सबसे आगे है।

औद्योगिक पार्क में होंगी ये चीजेंकाशी से प्रयागराज तक गंगा किनारे बनने वाले औद्योगिक पार्क में लॉजिस्टिक पार्क, वेयर हाउस और छोटी-मोटी उद्योग इकाइयां स्थापित की जाएंगी। इसके लिए चिह्नित जमीनों का भू-उपयोग बदला जाना है। उसके बाद जमीनों का आवंटन किया जाएगा। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए हर कल्स्टर में निर्धारित संख्या में पैकेजिंग और फूड प्रोसेसिंग इकाइयां भी बनाई जाएंगी। उद्यमियों को इसके साथ ही एकीकृत व्यवस्था मिलेगी। बिजली, फायर, प्रदूषण, बैंक और टैक्स संबंधित व्यवस्थाओं के लिए सिंगल विंडो सिस्टम रहेगा। यूपीसीडा अधिकारियों के मुताबिक नोएडा-एनसीआर की तर्ज पर बनारस-प्रयागराज को विकसित करने की योजना है। यहां ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर जैसी व्यवस्था रहेगी।

वाराणसी, प्रयागराज एवं कानपुर जल परिवहन से जुड़ेंगेबहुत जल्द जल मार्ग से प्रयागराज से वाराणसी, गाजीपुर, पटना होकर कोलकाता और हल्दिया तक उद्यमियों का माल आसानी से पहुंचेगा। इतना ही नहीं जल परिवहन के माध्यम से बांग्लादेश तक माल भेजे जाने की व्यवस्था होगी। यूपीसीडा की पहल पर ही गंगा में बड़े-बड़े जलपोत चलाए जाएंगे। छोटे शहरों के लिए छोटे क्षमतानुसार जलपोत और वाराणसी-हल्दिया जलमार्ग एक के बीच भारी जलपोत चलाने की योजना है। जल्द ही बड़े जलपोत प्रयागराज, कानपुर और वाराणसी को मिलने वाले हैं।

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