Kashi Gyanvapi: व्यासजी के तहखाने को मिला नया नाम, आरती का शेड्यूल भी किया गया तय

ज्ञानवापी परिसर में व्यासजी के तहखाने को काशी विद्वत परिषद ने नया नाम दे दिया है। इसे अब ज्ञान तालगृह के नाम से जाना जाएगा। इस नाम पर अखिल भारतीय संत समिति ने भी मुहर लगा दी है।

ज्ञानवापी में व्यासजी का तहखाना (फोटो साभार - ट्विटर)

Kashi Gyanvapi: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में व्यासजी के तहखाने को नया नाम मिल गया है। व्यासजी का तहखाना अब ज्ञान तालगृह के नाम से जाना जाएगा। काशी विद्वत परिषद ने यह नया नाम दिया है। वहीं व्यासजी के तहखाने में पांच पहर की आरती का शेड्यूल भी तय कर लिया गया है। ज्ञान तालगृह में आरती की शुरुआत मंगला आरती से होगी। पहली आरती का समय सुबह 3 बजकर 30 मिनट तय किया गया है। इसके बाद भोग आरती 12 बजे होगी। शाम को 4 बजे अपरान्ह आरती और शाम 7 बजे सायंकालीन आरती होगी। आखिरी आरती यानी शयन आरती 10 बजकर 30 मिनट पर की जाएगी।

नए नाम पर अखिल भारतीय संत समिति की मुहर

ज्ञानवापी परिसर में व्यासजी के तहखाने में दर्शन पूजन आरंभ हो चुके हैं, जिसके बाद संत समाज और काशी विद्वत परिषद के पदाधिकारियों ने भी यहां दर्शन-पूजन किया। काशी विद्वत परिषद ने व्यासजी के तहखाने को ज्ञान तालगृह नाम भी दिया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि इसे अब तहखाने के नाम से नहीं बल्कि ज्ञान तालगृह के नाम से जाना जाएगा। व्यासजी के तहखाने के नए नाम पर अखिल भारतीय संत समिति ने भी मुहर लगा दी है।

तहखाने से मिले विग्रह

बता दें कि एएसआई की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार तहखाने से हनुमान की दो प्रतिमा, विष्णु और गणेश की एक प्रतिमा, दो शिवलिंग और एक मकर प्रतिमा मिली है। इन विग्रहों के साथ ही 259 सामग्रियां भी मिली हैं। जिन्हें बतौर प्रमाण कोषागार में रखवाया गया है। व्यासजी के तहखाने में पूजा का आदेश मिलने के बाद तहखाने में विग्रह को प्रतिष्ठित किया गया। विग्रह का चयन करने के लिए एएसआई के सर्वे रिपोर्ट का अध्ययन किया गया। प्रशासन ने इस रिपोर्ट का अध्ययन कर कोषागार में बंद विग्रह को निकलवाकर तहखाने में प्रतिष्ठित कराया और इसकी पूजा-अर्चना शुरू की गई।

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